पटना : नीतीश जी,आपने तो प्रवासी मजदूरों को लेकर बड़े-बडे दावे किए थे। वीडियो जारी कर आपने कहा था कि जो प्रवासी मजदूर बिहार लौट रहे उनके लिए सारी व्यवस्था की गई है.जो गरीब-मजदूर वापस लौट रहे हैं उनको हम बस से प्रखंड तक भेजेंगे और फिर उनको हम कोरेंटाइन सेंटर में 21 दिन रखेंगे। सेंटर पर उनको सारी सुविधायें मिलेंगी। मसलन खाने और रहने का उत्तम प्रबंध होगा। जब वे 21 दिन के बाद घर जायेंगे तो बजाप्ता रेल भाड़ा में जो पैसा लगा है उसको भी देंगे साथ हीं 500 रू अलग से देंगे।
भरपेट भोजन भी नहीं हो रहा मयस्सर
आपके दावों के अनुरूप लोगों को बसों में ठूंसकर क्वारंटीन सेंटर भेजा तो जा रहा है। लेकिन वहां भी उनकी गरीबी और बेवसी पीछा नहीं छोड़ रही। क्वारंटीन सेंटर पर आपके अधिकारी बेवस मजदूरों को भरपेट भोजन की बात तो छोड़ दीजिए प्यास बुझाने के लिए पानी भी नहीं दे रहे। आपके अधिकारी आपके दावों के उलट काम कर रहे। कागज में ही उत्तम क्वालिटी का भोजन के साथ-साथ सारी सुविधायें मुहैया कराई जा रही।
कई जगहों पर मजदूरों ने किया विरोध
बिहार के 50 फीसदी से अधिक क्वारंटाइन सेंटर की कमोबेश यही स्थिति है.प्रवासी मजदूर जो स्पेशल ट्रेन के माध्यम से वापस लौटे हैं उनको भरपेट भोजन भी नहीं दिया जा रहा।नाश्ता-भोजन नहीं मिलने को लेकर अब तक राज्य के कई भागों से विरोध की खबरें भी आ चुकी हैं।एक जिला की बात छोड़िए अब तक कई जिलों से ऐसी खबरें आई हैं कि भोजन नहीं मिलने की वजह से मजदूर हंगामा कर रहे।
आज नवादा में भी हंगामा
आज बुधवार को भी नवादा जिले के एक क्वारंटीन सेंटर पर नाश्ता-भोजन नहीं मिलने पर मजदूरों ने हंगामा किया ।सिर्फ नवादा की बात नहीं बल्कि वैशाली,कटिहार,पटना में भी क्वारंटीन सेंटर पर व्यवस्था नहीं होने की वजह से लोग हंगामा किए हैं या फिर भाग खड़े हुए।
अधिकारी सुशासन की निकाल रहे हवा!
मुख्यमंत्री जी,आपके अधिकारी दावे कर रहे कि क्वारंटीन सेंटर पर उत्तम व्यवस्था है।जब इतनी बेहतर व्यवस्था है तो फिर ऐसी अराजकता क्यों उत्पन्न हुई? एक बार फिर से आपके अधिकारी आपके सुशासन मॉडल की भद्द पिटवाने में जुटे हैं।वैसे अधिकारियों की वजह से कोई पहली दफे सरकार की भद्द नहीं पिटी है बल्कि कई दफे सरकार की भारी फजीहत हुई है।सत्तापक्ष हीं नहीं बल्कि आपकी सहयोगी बीजेपी भी कोरोना संकट में बिहार के सरकारी अधिकारियों के क्रियाकलाप पर सवाल उठा चुकी है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल तो खुलेआम आपके अधिकारियों के नकारेपन पर सवाल खड़े कर चुके हैं.
क्या यही व्यवस्था है नीतीश जी?-RJD
राजद ने कहा है कि बिहार सरकार द्वारा मज़दूरों को भोजन और नाश्ता नहीं देने पर क्वारंटाइन सेंटर से अप्रवासी श्रमवीर भाई भाग रहे है। क्या यही व्यवस्था है नीतीश सरकार की? किस बात का ढिंढोरा पीट रहे है? सरकारी ख़ज़ाने पर पहला हक़ ग़रीबों का है। उन्हें पर्याप्त सुविधाएँ मिलनी चाहिए।