KATIHAR : तीन बार राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल खेलकर बिहार को शोहरत दिलाने वाली कटिहार की प्रीति फिलहाल अज्ञात बीमारी के चपेटे में है. कभी अपने शहर के शोहरत में चार चाँद लगा चुकी यह बेटी फिलहाल इतनी कमजोर हो गई है कि बिस्तर से उठ भी नहीं पाती है. आर्थिक तंगी की मार झेल रही प्रीति के परिवार को अपनी बेटी के इलाज कराने की क्षमता तक नहीं है. अब प्रीति के परिजन अपनी बेटी की इलाज के लिए दर-दर की गुहार लगा रहे है.
टूटी- फूटी झोपडी में रहने वाली प्रीति अपने पैरों के दम पर खुद के साथ -साथ परिवार के लोगों के लिए सफलता की कहानी लिखने के लिए निकल पड़ी थी. कटिहार गाँधी विद्यालय के इस छात्रा का सपना है की वह भविष्य में देश के लिए महिला फुटबॉल में भारत का प्रतिनिधित्व करें. लेकिन तीन बार नेशनल गेम में बिहार की तरफ से जलवा बिखरने के साथ -साथ कई प्रतियोगिता में अपनी खेल के सहारे प्रदेश की सम्मान बढ़ा चुकी इस बेटी के सपने पर फिलहाल अज्ञात बीमारी ने ग्रहण लगा दिया है.
चाय बेच कर किसी तरह परिवार चलाने वाले प्रीति के माता -पिता कहते है की सरकारी अस्पताल में उसे भर्ती भी कराया गया था. लेकिन मामूली इलाज के बाद अस्पताल से उसकी छुट्टी कर दी गई. अब लगभग एक महीने से उनकी बेटी फिर से बिस्तर पर पड़ी हुई है. तेज बुखार के साथ उसका शरीर कमजोर पड़ता जा रहा है. उसका इलाज अब गरीब माँ -पिता के लिए संभव नहीं है. प्रीति कहती है की वह ठीक होना चाहती है और फिर से फुटबॉल में दनादन गोल दाग कर प्रदेश की नाम ऊँचा करना चाहती है.
प्रीति के कोच कहते है की ओ टी पाड़ा के रहने वाली अपने इस प्रतिभावान खिलाड़ी के माली हालात और उसकी बीमारी के बारे में निजी स्तर पर वह कई लोगों से चर्चा कर चुके हैं. लेकिन अब तक कोई मदद के लिए सामने नहीं आया है. वह चाहते हैं की सरकार या निजी स्तर पर कोई आगे आ कर इस खिलाडी के लिए मदद करे.
कटिहार से श्याम की रिपोर्ट