अयोध्या मामले पर फैसला देने वाले पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने किए मामले से जुड़े हैरतअंगेज खुलासे

नई दिल्ली. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने वाला पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई से जुडी एक किताब इन दिनों कई ऐसे खुलासे कर रही है जो बताते हैं कि फैसले को लेकर रंजन गोगोई पर किस प्रकार का दबाव था.
जस्टिस फॉर द जज: एन ऑटोबायोग्राफी नामक किताब को देश के पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने लिखा है. रंजन गोगोई ने किताब में अयोध्या से जुड़े मुद्दे पर कई हैरतअंगेज खुलासे किए हैं
रंजन गोगोई ने खुलासा किया है कि फैसले वाले दिन 16 अक्टूबर 2019 को अदालत के कक्ष में प्रवेश कर रहे एक व्यक्ति को नहीं रोका जाता तो उस दिन सुनवाई बाधित हो सकती थी. बाद में सर्वसम्मत 5-0 से 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया. एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार 16 अक्टूबर 2019 को एक व्यक्ति न्यायपालिका के कार्य में बाधा डालने की कोशिश करने की फ़िराक में था. उसे जस्टिस गोगोई के आदेश के बाद अदालत में आने से रोक दिया गया था. हालांकि रंजन गोगोई ने कहा है कि मैं उसकी पहचान कभी नहीं बताऊंगा।
फैसले के बाद यादगार डिनर
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने लिखा है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर 9 नवंबर, 2019 को सर्वसम्मति से ऐतिहासिक फैसला सुनाने के के बाद वे उस बेंच के अन्य जजों को डिनर के लिए होटल ताज मानसिंह लेकर गए थे. वहां सभी ने डिनर के साथ ही वाइन पी थी.