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पूर्व सीएम मांझी निकले इतिहासकार, कर ली बड़ी खोज, अशोक सम्राट की जाति पता लगाकर कर दिया ट्विट

पूर्व सीएम मांझी निकले इतिहासकार, कर ली बड़ी खोज, अशोक सम्राट की जाति पता लगाकर कर दिया ट्विट

PATNA : सम्राट अशोक को लेकर भारत के बड़े से बड़े इतिहासकार भी इस बात की पुष्टि नहीं कर सके कि सम्राट अशोक किस जाति से संबंधित थे। लेकिन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इतिहासकारों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने बता दिया है कि सम्राट अशोक किस जाति से थे और उनके मरने के 21 सौ साल बाद अब पूर्व सीएम मांझी ने बताया है कि चक्रवर्ती सम्राट अशोक पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखते थे। इस संबंध में जीतन राम मांझी ने बाकयदा ट्विट भी किया है।

बिहार में राजनीति का नया विषय अब सम्राट अशोक को बनाया गया है। बीजेपी और जदयू की लड़ाई में अब मांझी भी कूद चुके हैं। मांझी ने अपने ट्विट में सम्राट अशोक को पिछड़ी जाति से जुड़ा बताया है। उन्होंने अपने ट्विट में लिखा है कि कुछ लोग सम्राट अशोक का अपमान सिर्फ इसलिए कर रहें है कि वह पिछडी जाति से थे। ऐसे सामंती लोग नहीं चाहतें हैं कि कोई दलित/आदिवासी/पिछडा का बच्चा सत्ता के शीर्ष पर बैठे। मा. राष्ट्रपति से आग्रह है कि हमारे शौर्य के प्रतिक सम्राट अशोक पर टिप्पणी करने वालों का पद्म सम्मान वापिस लें।


बुद्धिस्ट थे सम्राट अशोक

जीतन राम मांझी यहां जिस सम्राट अशोक को पिछड़ी जाति से जुड़ा बता रहे हैं। उसका आधार सिर्फ यही है कि वह मौर्य वंश के थे। वर्तमान में मौर्य को पिछड़ी जाति से जुड़ा माना जाता है। जबकि चंद्रगुप्त ने जब इस वंश की स्थापना की थी तो उस समय उनकी जाति को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एस.एस.सिंह को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि चन्द्रगुप्त मौर्य किस जाति के थे, इसका कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है।कुछ लोग उन्हें कुशवाहा समाज से जुड़ा हुआ बता रहे हैं। जबकि अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया था। मरणोपरांत तक वह बौद्ध धर्म से जुड़े रहे।

मांझी के ट्विट पर इसलिए भी उठे सवाल

अगर मांझी के ट्विट को सही मान लिया जाए तो कि सम्राट अशोक पिछड़ी जाति से थे और उनको शीर्ष  पर लोग बैठते हुए नहीं देखना चाहते हैं, तो भी इस पर सवाल उठते हैं। मौर्य वंश की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी। उन्हें इस उपलब्धि तक पहुंचाने में चाणक्य की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। जो कि खुद ब्राह्मण थे। वही ब्राह्मण, जिन्हें कुछ दिन पहले तक पूर्व मुख्यमंत्री गालियों से नवाज रहे थे। 


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