GAYA : बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सह बोधगया विधायक कुमार सर्वजीत ने कहा की हाल-फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जो अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति के आरक्षण से जुड़ा है। इस फैसले ने पिछले 20 वर्षो से चले आ रहे एक मुद्दे को बदलाव किया है। हम सभी जानते हैं की ओबीसी आरक्षण में किमी लेयर और नन किमी लेयर का प्रावधान है। लेकिन SC/ST आरक्षण में ऐसा कोई नियम नहीं था।
कहा की राज्य में SC, ST में वर्गीकरण का अधिकार दिया है। ऐसी अधिकार मिलने से दलितों और पिछड़ों में हककारी का आशंका से पूरे बिहार के एससीएसटी आक्रोशित है,जिसका जीता जागता उदाहरण देश के केन्द्रीय मंत्री जितन राम मांझी के बयान से स्पष्ट संकेत दिया है ,कि पासवान, रविदास, चौधरी आदि जातियाँ को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। कुमार सर्वजीत ने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं की 2004 में आन्ध्र प्रदेश में अनुसूचित जाति में कई श्रेणियों का निर्माण किया गया और विभिन्न प्रतिशत तय किए गए।
आन्ध्र प्रदेश ने अधिनियम में घोषित किया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आंध प्रदेश के नियम को असंवैधानिक बताया। क्योंकि यह समानता के अधिकार का उल्लंघन था। परन्तु पुनः इस तरह के फैसले का अधिकार राज्य सरकार को मिलना अनु० जाति एवं अनु० जनजाति के लिए घातक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा की दलित-महादलित बनाकर पासवान जाति को कई अधिकारों से वंचित किया गया। आरक्षण कभी भी आर्थिक नहीं दी जानी चाहिए हमारा संविधान कहता है।
कुमार सर्वजीत ने कहा मैं, स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मात्र 2-3 प्रतिशत सरकारी नौकरीयाँ हैं जिसमें SC/ST 0.004 प्रतिशत है। मुझे लगता है कि आरक्षण पूर्ण रूप से मिटाने कि साजिश चल रही है और इस साजिश में चिराग पासवान और जितन राम मांझी कि भूमिका स्पष्ट हो चुकी है। आज भी जातिय गणना के बाद स्पष्ट रूप से दिख चुका है कि दलितों एवं महादलितों को न पक्का का मकान न सरकारी नौकरियाँ, न खेत बारी, न शिक्षा, और न तो थाना-अंचल में कुर्सी पर बैठने का अधिकार मिल पाती है। उन्होंने आगे कहा की मैं बिहार के तमाम दलित भाईयों से अपील करता हूँ कि बाबा भीम राव अम्बेडकर की लडाई और अधिकार को गिरवी रखी जा रही है। अगर इस अधिकार को हम आप नहीं सींचा तो आने वाले समय में आरक्षण को खत्म कर दिया जायेगा और आने वाली पीढ़ी हम लोगों को कभी माफ नहीं कर पाएगा। अब हम सब मिल कर अपने अधिकार को समझें और अधिकार को बचायें।
गया से संतोष की रिपोर्ट