Dhanbad : निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी समेत 10 लोगों को रेलवे के परिचालन को बाधित किये जाने के आरोप में दोषी करार दिया गया है। रेलवे के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी गौरव खुराना की कोर्ट ने आरोपियों को इस मामले में दोषी करार देते हुए छह-छह माह का साधारण कारावास एवं दो-दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। सजा सुनाने के बाद कोर्ट ने आरोपियों को अपील के लिए जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया।
इधर न्यायालय के फैसले पर पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि निरसा और चिरकुंडा की जनता की असुविधा को देखते हुए और रेलवे की ओर से लगातार अनदेखी के कारण यह आंदोलन किया गया था।
उन्होंने कहा कि रेलवे कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ न्यायालय में अपील करेंगे और आगे भी जनता के किसी भी सवाल और मुद्दे पर आंदोलन करते रहेंगे।
बता दें कुमारधुबी आरपीएफ ने आरोप लगाया था कि तीन सितंबर 2014 की शाम 6.40 बजे अरूप चटर्जी के नेतृत्व में सैकड़ों समर्थक कुमाधुबी रेलवे स्टेशन पर आए और रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। तीन घंटे तक रेल सेवा बाधित रही।
आरपीएफ ने अपने आरोप में कहा था कि इनके प्रदर्शन की वजह से कई मालगाड़ी और पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया, जिससे रेलवे को 44 लाख 53 हजार 145 रुपए का नुकसान हुआ था।