बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

सुशासन दिवस के रूप में देश में मनाया जा रहा है पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती, कई कार्यक्रमों का हो रहा है आयोजन

सुशासन दिवस के रूप में देश में मनाया जा रहा है पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती, कई कार्यक्रमों का हो रहा है आयोजन

DELHI-भारतीय राजनीति के अजातशत्रु पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सोमवार को जयंती है और इसको भाजपा यादगार बनाने में जुटी है. पार्टी की ओर से इस दिन को पूरे प्रदेशभर में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.प्रदेश के सभी बूथों पर वाजपेयी की फोटो पर पुष्प अर्पित करने के साथ रचनात्मक कार्यक्रमों को भी आयोजन क‍ियाजा रहा है. भाजपा के तमाम पदाधिकारी, सांसद-विधायक और जनप्रतनिधियों के साथ विभिन्न क्षेत्रों के दौरे पर हैं.  प्रधानमंत्री रहने के दौरान वाजपेयी की ओर से कई उपलब्धियां हासिल की गई उनकी जानकारी दी जाएगी.  

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. उनके पिता कृष्ण वाजपेयी स्कूल मास्टर और कवि थे. पूर्व पीएम वाजपेयी भी अपने पिता की ही तरह बेहद अच्छे कवि बने. 1951 में वाजपेयी को दीनदयाल उपाध्याय के साथ,RSS से जुड़े एक हिंदू दक्षिणपंथी राजनीतिक दल, नवगठित भारतीय जन संघ के लिए काम करने के लिए समर्थन दिया गया था।.उन्हें दिल्ली में स्थित उत्तरी क्षेत्र के पार्टी प्रभारी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था. वह जल्द ही पार्टी नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी के अनुयायी और सहयोगी बन गए. सन 1957 के भारतीय आम चुनाव में वाजपेयी ने भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा. लोकसभा में उनके भाषण कौशल ने प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू को इतना प्रभावित किया कि नेहरू जी ने अटल जी को कहा की कि वाजपेयी किसी दिन भारत के प्रधान मंत्री बनेंगे.

दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु के बाद जनसंघ का नेतृत्व वाजपेयी को सौंप दिया गया. वह सन 1968 में जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, नानाजी देशमुख, बलराज मधोक और लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर पार्टी चला रहे थे.अटल बिहारी वाजपेयी  सन 1996 में और फिर सन 1998 से 2004 तक भारत के प्रधान मंत्री थे और सन 1989 से 2004 तक भारतीय जनता पार्टी के नेता थे. वे अलग अलग निर्वाचन क्षेत्रों से 10 बार लोकसभा के लिए चुने गए थे.उन्होंने पहली बार भारतीय जन संघ से लखनऊ केंद्रीय संसदीय क्षेत्र में सन 1955 का उपचुनाव लड़ा, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के श्योराजवती नेहरू से हार गए.

अटल बिहारी वाजपेयी एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारत के प्रधान मंत्री के रूप में तीन कार्यकालों की सेवा की, इनका कार्यकालों की सेवा इस प्रकार है पहली बार सन 1996 में 13 दिनों के समय के लिए, फिर सन 1998 से 13 महीने के समय के लिए किया। उसके बाद सन 1999 से 2004 तक पूर्ण कार्यकाल तक सेवा किए. वाजपेयी  भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सह-संस्थापक और वरिष्ठ नेता के रूप में जाने जाते है.

अटल बिहारी वाजपेयी ने सन 1957 में बलरामपुर संसदीय क्षेत्र का निरूपण करते हुए पहली बार संसद में प्रवेश किया. सन 1957 में, वाजपेयी ने तीन लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ा लखनऊ. बलरामपुर और मथुरा.वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा के लिए चुने गए. इसके अलावा वाजपेयी पहले और एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना पूरा कार्यकाल पूरा किया.

पूर्व प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र सभा में 4 अक्टूबर 1977 को हिंदी में भाषण देने वाले पहले विदेश मंत्री भी थे. जब अटल बिहारी ने हिंदी में भाषण दिया, तो यूएन तालियों से गूंज उठा. आज भी उनका यह भाषण ऐतिहासिक माना जाता है, जिसे हर भारतीय बड़े  गर्व से याद करता है.  

Suggested News