बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

30 करोड़ से अधिक के वित्तिय गड़बड़ी में फंसे मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी को करना पड़ा सरेंडर, बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लगा चुके थे चक्कर

30 करोड़ से अधिक के वित्तिय गड़बड़ी में फंसे मगध यूनिवर्सिटी  के पूर्व वीसी को करना पड़ा सरेंडर, बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लगा चुके थे चक्कर

PATNA : गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी लगभग एक साल से भी ज्यादा समय से पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर डा. राजेंद्र प्रसाद की तमाम कोशिश आखिरकार नाकाम साबित हुई और अंत में उन्हें कोर्ट के आगे सरेंडर करना पड़ा है। विशेष न्यायाधीश ने राजेन्द्र प्रसाद को न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया।

सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत

पूर्व कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पर विश्वविद्यालय के कुलपति रहते 30 करोड़ से अधिक की वित्तीय अनियमितता करने का आरोप है। इसके अलावा ओएमआर शीट की खरीदारी और ई लाइब्रेरी समेत दूसरे मदों के लिए किए भुगतान, मगध विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्त गार्डों को भुगतान, खरीद का ऑर्डर देने और बगैर जांच पड़ताल के राशि भुगतान करने का आरोप है। जिसके बाद जांच पूरी होने के बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया। जिसमें गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया। लेकिन पहले पटना हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं दी। अंत में उन्हें विशेष अदालत में सरेंडर करना पड़ा।

मूल रूप से राजेन्द्र प्रसाद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं।  एसवीयू की टीम ने मगध विश्वविद्यालय में हुए करोड़ों के घोटाला मामले में केस दर्ज करने के बाद उनके तीन ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। जिसमें पटना सहित उनके गोरखपुर घर पर एसवीयू की टीम ने छापेमारी की थी। घोटाला की जांच कर रही टीम को करोड़ो रुपए की चल-अचल संपति का पता चला है। छापामारी में 90 लाख रुपए नगद, विदेशी मुद्रा समेत लाखों के जेवरात और जमीन-जायदाद के ढेरों कागजात बराद हुए थे। घोटाले के इस मामले में एसवीयू की टीम ने मगध विश्वविद्यालय के चार अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया था।


Suggested News