न्यूज4नेशन डेस्क- बिहार में सड़क की केंद्रीय योजनाओं की सुस्त रफ़्तार पर आमने - सामने आए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच टकराव कम होता नहीं दिख रहा है। गडकरी ने बिहार में एनएच प्रोजेक्ट में देरी के लिए नीतीश सरकार की जमीन अधिग्रहण नीति को जिम्मेवार ठहराया था जिसके बाद पिछले दिनों नीतीश कुमार ने भी वाटर वेज प्रोजेक्ट की स्थिति को लेकर गडकरी की आलोचना की थी।
अब फिर से बोले
गडकरी
अब एक बार फिर से
नितिन गडकरी ने Inland Water ways प्रोजेक्ट के
फायदे गिनाए हैं। गडकरी ने कहा है कि केंद्र सरकार निर्मल गंगा अभियान पर काम कर
रही है। उन्होंने कहा कि मार्च 2019 तक 80 फीसदी गंगा के पानी को निर्मल करने का लक्ष्य
पूरा कर लिया जाएगा। गडकरी ने दावा किया कि देश में 20 हजार किमी रीवर लिंक है जिसका उपयोग ट्रांसपोर्ट के लिए
होने से कारोबार को मदद मिलेगी। क्योंकि भारत मे लॉजिस्टिक खर्च दूसरे देशों की
तुलना में काफी अधिक है। गडकरी ने वाटर ट्रांसपोर्ट को किफायती बताते हुए चीन और
यूरोपीय देशों का जिक्र भी किया जहां उद्योग नदियों के किनारे हैं। उनके माल की ढुलाई
ज्यादातर जलमार्ग से होती है, यही कारण है कि
उन देशों में प्रोडक्ट की बाजार क़ीमत हमारे देश की तुलना में कम है। केंद्रीय
मंत्री ने जानकारी दी कि देश भर की नदियों में 45 मीटर चौड़ाई और 3 मीटर की गहराई के वाटर वेज चैनल तैयार हो रहे हैं। ट्रांसपोर्ट सर्विस के लिए
भी कई पोर्ट भी बनाए जा रहे हैं।
नीतीश के तंज का
जवाब
गडकरी ने पहले
बिहार सरकार की कार्यशैली की आलोचना की थी जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने
पर्यावरण पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन को वाटर वेज
प्रोजेक्ट पर आड़े हाथों लेते हुए गडकरी को काम करने की नसीहत दे डाली थी। हालांकि
गडकरी के इस ताज़ा पलटवार पर नीतीश आगे क्या रुख अपनाते हैं देखना दिलचस्प होगा।