डेस्क। एक जघन्य कांड के बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान जब एक व्यक्ति ने सीएम साहब को "मोटी चमड़ी का आदमी" कहा तो सरकार ने आनन-फानन में गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए जब उक्त व्यक्ति ने हाईकोर्ट की शरण ली तो उच्च न्यायालय गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार से 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। हालांकि दूसरी तरफ कोर्ट ने मामले की जांच जारी रखने का निर्देश दिया है।
मामला उत्तर प्रदेश का है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोटी चमड़ी वाला आदमी का प्रयोग करना एक व्यक्ति को महंगा पड़ा ।हालांकि हाईकोर्ट ने राहत दे दी है। गौरतलब है की हाथरस में हुई गैंगरेप की घटना के विरोध प्रदर्शन के दौरान कासगंज के नीरज किशोर मिश्र ने सीएम योगी को "मोटी चमड़ी का आदमी" कहा था।
बता दें कि हाथरस में हुए गैंगरेप के बाद वाल्मीकि समाज ने उत्तर प्रदेश पुलिस को जांच में कोताही बरतने का गंभीर आरोप लगाया था। इसी दौरान कासगंज निवासी नीरज किशोर मिश्र ने सीएम योगी आदित्यनाथ को "मोटी चमड़ी का आदमी" कहा था ।इसके बाद मिश्र पर यूपी पुलिस ने एफ आई आर दर्ज कराई। इस एफआईआर के के खिलाफ नीरज किशोर ने कोर्ट में एक याचिका देते हुए कहा कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार है और महज मोटी चमड़ी का आदमी कहने पर कोई अपराध नहीं बनता है।