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जातीय जनगणना पर गरजे गिरिराज, सीएम नीतीश से पूछा- मुसलमानों की जातियां कब गिनेंगे? अल्पसंख्यक शब्द पर भी हो पुनर्विचार

जातीय जनगणना पर गरजे गिरिराज, सीएम नीतीश से पूछा- मुसलमानों की जातियां कब गिनेंगे? अल्पसंख्यक शब्द पर भी हो पुनर्विचार

कटिहार. केंद्रीय मंत्री और भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने बिहार में प्रस्तावित जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जो जातीय जनगणना की बात कर रही है, हम उसके साथ खड़े हैं. हमें जातीय जनगणना से कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन जातीय जनगणना में मुसलमानों की जातियों को भी शामिल किया जाना चाहिए. 

उन्होंने कहा कि मुस्लिम वर्ग में भी कई जातियां हैं. उन्हें भी जातीय रूप से श्रेणीबद्ध करके उनकी गिनती की जाए. सीएम नीतीश को सुझाव देते हुए कहा कि वर्ष 1991 में बिहार के 11 जिलों में फर्जी मतदाताओं के नाम को हटाने को लेकर दो लोगों ने याचिका दायर की थी. तब करीब 3 लाख लोगों का नाम सूची से हटाया गया है. ऐसे में जातीय जनगणना के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाए कि जो रोहिंग्या और बंगलादेशी  घुसपैठिये यहां रह रहे हैं उन्हें जनगणना में शामिल नहीं किया जाए. साथ ही जिन 3 लाख लोगों का नाम हटाया गया था उन्हें भी जातीय जनगणना में जगह नहीं दी जाए. 

गिरिराज ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास पर काम रही है. ऐसे में देश में अल्पसंख्यक शब्द पर भी पुनर्विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा-ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी कहा है वे अब अल्पसंख्यक नहीं रहे हैं. ऐसे में इस शब्द पर पुनर्विचार होना चाहिए.

गिरिराज सिंह कटिहार में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए सीएम नीतीश को जातीय जनगणना के सैद्धांतिक स्वरूप पर नसीहत दी. साथ ही मुस्लिम वर्ग को लेकर भी अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि देश जब वर्ष 2014 में मोदी सरकार बनी थी उस समय देश का बजट 16.5 करोड़ के आसपास था जो अब बढ़कर 37.5 करोड़ हो चुका है. 


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