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सीएम आवास में रहते हैं गुंडे, देश के शीर्ष न्यायालय ने केजरीवाल के पीएस बिभव कुमार के लिए की हैरान करनेवाली टिप्पणी

सीएम आवास में रहते हैं गुंडे, देश के शीर्ष न्यायालय ने केजरीवाल के पीएस बिभव कुमार के लिए की हैरान करनेवाली टिप्पणी

NEW DELHI : राज्यसभा सांसद व दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास में मारपीट करनेवाले अरविंद केजरीवाल के पीएस बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने गुंडा बता दिया है। आज बिभव की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीएम आवास में मालीवाल के साथ हुई घटना पर हैरानी जाहिर करते हुए बिभव कुमार को जमकर फटकार लगाई। जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस उज्जल भुइंया की बेंच ने गुरुवार को बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई की। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'उसने (बिभव कुमार) गुंडे की तरह काम किया और मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में घुसा। उसने तब भी महिला पर हमला किया जब उसने अपनी शारीरिक स्थिति बता दी थी।' कोर्ट ने पूछा कि एक महिला पर इस तरह हमला करते हुए शर्म नहीं आई?

जस्टिस सूर्यकांत की अगुआई वाली बेंच ने कहा, 'सवाल यह नहीं है कि जख्म छोटे हैं या बड़े। हम हैरान हैं कि सीएम आवास में जाने पर किस तरह यह सब हुआ।' हालांकि, कोर्ट जमानत याचिका पर सुनवाई को सहमत हो गया और पुलिस को जवाब दाखिल करने को कहा है। 

क्या आपको लगता है कोई बिभव के खिलाफ बयान देगा

सिंघवी ने बिभव को जमानत दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि यह हत्या का मामला नहीं है। इस पर एक बार फिर जस्टिस सूर्य कांत ने फटकार लगाई। उन्होंने कहा, 'आप सही कह रहे हैं हम हत्यारों को भी जमानत देते हैं। लेकिन यहां एफआईआर को देखिए। वह शारीरिक हालत पर रो रही थी। क्या आपको ऐसा करने का अधिकार है? यदि इस तरह का व्यक्ति गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकता तो कौन करेगा? क्या आप मानते हैं कि ड्रॉइंग रूम में मौजूद कोई उसके खिलाफ बयान देगा। क्या उसे ऐसा करते हुए शर्म नहीं आई। 

पूर्व पीएस को सीएम आवास में जाने का अधिकार कैसे

बेंच ने यह भी पूछा कि कुमार सीएम का पूर्व सहयोगी था या सरकारी कर्मचारी। सिंघवी ने साफ किया कि वह पूर्व सरकारी सेवक हैं, लेकिन मौजूदा समय में राजनीतिक सहयोगी के तौर पर काम कर रहे हैं जो मुख्यमंत्री के अपॉइंटमेंट फिक्स करते हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा, 'एफआईआर कहता है कि वह पूर्व निजी सचिव हैं। सीएम के दफ्तर में जाने का आपके पास कौन सा अधिकार है, जो पीड़िता के पास नहीं।' 

स्वाति मालीवाल के आरोप झूठे

इससे पहले बिभव कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने मुवक्किल के लिए राहत की मांग करते हुए कहा कि शिकायत तीन दिन बाद दर्ज की गई। उन्होंने यह भी कहा कि मालीवाल के आरोप मनगढंत और झूठे हैं। 

सिंघवी ने कहा, 'पहले दिन वह पुलिस के पास गईं लेकिन कोई शिकायत नहीं दी। फिर तीन दिन बाद ऐसा किया।' इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ' इस पर क्या कहें कि उन्होंने 112 पर कॉल किया? यह आपके दावे को झुठलाता है कि उन्होंने मनगढ़ंत कहानी रची।' 


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