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बिहार में सरकारी अस्पतालों में लटका ताला, कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर हड़ताल जारी, दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं मरीज

बिहार में सरकारी अस्पतालों में लटका ताला, कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर हड़ताल जारी, दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं मरीज

पटना- लेकर चिकित्सक आक्रोशित हैं. पिछले तीन दिनों से बिहार के सरकारी अस्पताल में ओपीडी और रूटिंग सर्जरी का काम ठप्प पड़ा हुआ है. देश सहित बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी कार्य को ठप रखा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा 24 घटने के स्ट्राइक  के आह्वान से अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है. 

रेजीडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल से मरीजों और उनके परिजनों को खासी परेशानी हो रही है. दूर दराज के क्षेत्रों से आए मरीज लौटने के मजबूर हैं.  ऐसा ही हाल सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में दिखा है जहां हड़ताल की घोषणा के बाद मरीजों और परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आईजीआईएमएस और पीएमसीएच में ओपीडी  सेवा ठप्प होने से  मरीज रजिस्ट्रेशन  काउंटर के बाहर इकट्ठा होकर काउंटर खुलने का इंतजार करते नजर आए .

मरीजों का कहना है कि ओपीडी ब्लॉक में से रेजिडेंट डॉक्टरों के जाने के बादउन्हें इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. कई मरीज इंतजार करने के बाद उदास हो कर वापस लौट रहे हैं. मरीजों का कहना है कि लैब में डॉक्टर न होने के कारण एक्स-रे और दूसरी जांच भी नहीं हो रही है. 

वहीं डॉक्टरों का कहना है कि आने वाले दिनों में हड़ताल और उग्र हो सकती है. इससे मरीजों की समस्या बढ़ेगी. पश्चिम बंगाल में हुए मेडिकल छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या का विरोद कर रहे देश के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के कर्मी और डॉक्टर काम काज ठप्प कर सड़क पर उतर गए हैं. डॉक्टर्स हत्यारों को फांसी और उनके सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. 

वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बिहार शाखा की ओर से शनिवार को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और रूटिंग सर्जरी को विरोध स्वरूप बंद रखने का निर्णय लिया गया. इस निर्णय का बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने भी समर्थन दिया है. जूनियर डॉक्टर्स ने इमरजेंसी सेवा से भी कार्य बहिष्कार की घोषणा की है. डॉक्टर्स की मांग है कि सेंट्रल मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए.

रिपोर्ट-अनिल कुमार 


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