PATNA : सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए राहत वाली एक बड़ी खबर है। आने वाले दिनों में उन्हें सभी गैर शैक्षणिक कार्यों से पूरी तरह से मुक्त किया जा सकता है। ऐसे में उनके जिम्मे अब सिर्फ और सिर्फ बच्चों को पढ़ाने की ही जवाबदेही रहेगी। अभी सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने से अधिक मिड-डे-मील तैयार करने और उन्हें खिलाने पर अधिक फोकस रहता है। इसके अलावा मतदाता सूची तैयार करने जनगणना आदि में भी लगाया जाता है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के अपने अंतिम मसौदे में स्कूल शिक्षकों को गैर शैक्षिक गतिविधियों से पूरी तरह से अलग करने का सुझाव दिया है। साथ ही उम्मीद जताई है कि इससे स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार भी दिखेगा। प्रस्तावित नई शिक्षा नीति तैयार करने वाली कमेटी ने अपनी प्रारंभिक मसौदे में शिक्षकों को मिड-डे-मील की जिम्मेदारी से अलग रखने का सुझाव दिया था। हालांकि मंत्रालय ने अब और सख्त होते हुए मिड डे मील के साथ ही सभी गैर शैक्षणिक कार्यों से अलग रखने का सुझाव दिया है।
अब इस प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट में ले जाने की तैयारी है । केबिनेट से पास होने के बाद पूरे देश में लागू किया जाएगा।
बता दें कि नीति आयोग ने भी गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त करने का सुझाव दिया था। दिल्ली जैसे कुछ राज्यों ने इस पर गंभीरता दिखाई और शिक्षकों को बीएलओ जैसी जिम्मेदारी से अलग किया है बावजूद इसके ज्यादातर राज्यों में अभी भी शिक्षकों को चुनाव कार्यों से जोड़ रखा गया है।
विवेकानंद की रिपोर्ट