PATNA: बिहार में काहे की शराबबंदी? पिछले तीन दिनों में 30 से अधिक लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई है। सरकार सिर्फ दिखावे के लिए कार्रवाई कर रही।शराबबंदी के बाद शराब माफिया व इसमें लिप्त अधिकारी मालामाल हो रहे। ड्राई स्टेट हुए पांच साल से अधिक हो गये। इतने समय में शराब माफिया व संरक्षण देने वाले अफसर इतने ताकतवर हो गये हैं कि उन्हें किसी की परवाह नहीं। वे तो खुल्लमखुल्ला चैलेंज दे रहे। अब तो शराबबंदी वाले इस राज में शराब सप्लाई-बिक्री की खबर लिखना भी खतरे से खाली नहीं। मीडिया की आवाज को दबाने के लिए अफसर सारे हथकंड़े अपना रहे। मोतिहारी के बेलगाम उत्पाद अधीक्षक तो शराब सप्लाई व निर्माण से संबंधित खबर लिखने से इतने तिलमिला गये कि थाने में ही मुकदमा दर्ज करा दिया। हालांकि वो अपने ही बुने जाल में फंसते हुए दिख रहे हैं। सत्तापक्ष और विपक्ष ने सीधे-सीधे ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग की है.
सुशासन को तार-तार कर रहे अफसर
पूरे बिहार में शराब से की सप्लाई धड़ल्ले से हो रही है। दूसरे राज्यों से खुल्लमखुल्ला शराब अपने राज्य आ रहा और गांव-गांव पहुंच रहा। इतना ही नहीं शराब का निर्माण भी किया जा रहा । मोतिहारी में जब शराब की सप्लाई व अवैध निर्माण से जुड़ी खबर लिखी गई और इसमें उत्पाद विभाग के अधीक्षक से लेकर दारोगा तक की भूमिका पर सवाल खड़े किये गये तो तिलमिलाये उत्पाद अधीक्षक ने पत्रकार पर ही थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया। मतलब आप शराब निर्माण की खबर लिखेंगे तो अधिकारी मुंह बंद कराने की हर संभव कोशिश करेंगे। फिर भी नहीं मानें तो थाने में मुकदमा दर्ज करा देंगे।
उत्पाद अधीक्षक पर कार्रवाई करे सरकार-राजद
मोतिहारी के उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश की तरफ से मीडिया की आवाज दबाने की कोशिश के बाद राजनीति गरम है। राजद ने पत्रकार पर केस दर्ज कराने वाले मोतिहारी के उत्पाद अधीक्षक पर कार्रवाई करने की मांग किया है। राजद प्रवक्ता व पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि उस अधिकारी के खिलाफ जांच होनी चाहिए। वह पत्रकारों का मुंह बनंद करना चाहता है। केस दर्ज कराने से आवाज बंद नहीं करा सकते । हम सरकार से मांग करते हैं कि मोतिहारी के उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश पर एक्शन ले।