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सरकारी सिस्टम फिर फेल: यूरिया के लिए सुबह के 2 बजे से लग रही कतार, CM नीतीश के खिलाफ की नारेबाजी

सरकारी सिस्टम फिर फेल: यूरिया के लिए सुबह के 2 बजे से लग रही कतार, CM नीतीश के खिलाफ की नारेबाजी

SUPAUL : सुसाशन बाबू की सरकार  लाख दावों के बावजूद जिले में डीएपी खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है। जिला मुख्यालय से लेकर सभी प्रखंडों में डीएपी के लिए विभिन्न खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी है। मांग के अनुरूप आवंटन नहीं होने के कारण उत्पन्न हुई डीएपी के बाद अब यूरिया की किल्लत ने किसानों की नींद हराम कर दी है। स्थिति यह है कि रात के 2:00 बजे से ही किसान यूरिया वितरण केंद्रों पर लाइन में खड़े होने के लिए मजबूर हो गए हैं। जिले के त्रिवेणीगंज में बिस्कोमान केंद्र पर सोमवार की सुबह से ही करीब पांच सौ से अधिक किसान लाइन में थे।

सूर्योदय के बाद से काउंटर खुलने तक सुबह के 10 बजे बिस्कोमान कार्यालय के समक्ष लगभग पांच सौ से अधिक किसान यूरिया के लिए जद्दोजहद करते देखे गए। सुबह के 5 बजे लगभग 100 महिलाएं भी डीएपी  के लिए अलग लाइन लगाए खड़ी थी। महिलाओं की भीड़ में दर्जनों बच्चियां भी शामिल थीं। जो अपने घर वालों के लिए यूरिया का प्रबंध करने के लिए लाइन में खड़ी थी। अगर ससमय से लक्ष्य के अनुरूप आवटंन प्राप्त हुआ होता तो जिले में यूरिया की किल्लत नही होती। 

किसान किसी भी कीमत पर यूरिया खाद प्राप्त करने के लिए लाचार

गेहूं की फसल को इस समय यूरिया का छिड़काव अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसी स्थिति में जिले की किसानों की नींद हराम हो गई है। किसान किसी भी कीमत पर यूरिया खाद प्राप्त करने के लिए लाचार हैं। जानकारी के अनुसार अहले सुबह चार बजे किसानों की संख्या 300 के पार पहुंच गई। सुबह पांच बजे तक लाइन में हजारों से अधिक महिलाएं और बच्चियां काउंटर खुलने का इंतजार करती देखी गई। ताकि काउंटर खुलने पर खाद मिल जाए, लेकिन जिस तरह से समय बीत रही थी उसी प्रकार किसानों की भी भीड़ बढ़ती जा रही थी। साथ ही कतार और लंबी होती जा रही थी। वहीं खाद लेने की लिए किसान का धक्का-मुक्की दिनभर चलता रहा। व्यवस्था नहीं रहने के कारण जमकर कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती रही।

इसी कड़ी में लाइन में लगें किसानों आपस में धक्का मुक्की करने लगा बीच बचाव के पुलिस पहुंचे  किसानों ने पुलिस से भीड़ गये, कुछ लोगों के द्वारा पुलिस पर पथराव भी किया जिसमें एक बुढ़े किसान को लग गया. चौट लगे किसान जख्मी हो गये हैं. जिसका इलाज अनुमंडल रेफरल अस्पताल में चल रहा है. मौके पर पुलिस ने एक युवक गिरफ्तार भी किया है.

रोड जाम कर पुलिस खिलाफ जमकर नारेबाजी की

किसानों की आरोप है कि कतार में खड़े कई किसानों पर पुलिस ने लाठी चलाई है। भूखे प्यासे किसान खाद के लिए लाइन में लगे हैं, लेकिन खाद के बदले पुलिस की लाठी खानी पड़ती है, यह बर्दाश्त की लायक नही है, आक्रोश किसानों ने बिस्कोमान के समीप एनएच 327 ई. पर डीएसपी अवास के समीप रोड जाम कर बीच रोड पर टाइर जलाकर त्रिवेणीगंज पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बिस्कोमान परिसर में ड्यूटी पर लगे पुलिस भी डर से फरार हो गया। जबकि त्रिवेणीगंज पुलिस के खिलाफ किसानों में काफी गुस्सा देखी गई। 

बिस्कोमान में तैनात किए गए सुरक्षा बल

सूचना पाकर अनुमंडल प्रशासन एसजेड हसन ने बिस्कोमान परिसर पहुंचे माईकिंग के जरिए  एसडीएम ने आक्रोशित किसानों को समझा बुझा कर जाम को हटाया और खाद मुहैया कराने की भरोसा दिया। एसडीएम ने बिस्कोमान परिसर में सीओ व पुलिस बल तैनात कर दिया है, ताकि खाद वितरण में  किसी प्रकार की किसानों को परेशानी नहीं हो, मौके पर पहुंचे एसडीएम ने बताया कि बिस्कोमान परिसर में  अधिक भीड़ रहने के कारण खाद वितरण करने मे किसानों में आपस में धक्का मुक्की कर हंगामा भी किया। कुछ लोग अदर जिले से आकर खाद ले रहे हैं जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है, सभी किसानों को समझा बुझा कर रोड जाम को हटाया है। बिस्कोमान परिसर में डंडाधिकारी तेनात कर खाद वितरण किया जा रहा है, बिस्कोमान में अभी भी नौ सौ बोड़ा खाद है, जब तक समाप्त नही होगा तब तक खाद वितरण किया जाएगा, खाद की आवंटन बढाने के लिए लगातार जिला अधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी से बात किया जा रहा है।

बिस्कोमान मैनेजर को कड़ी निर्देश दिया है कि खाद देते समय आधार कार्ड ठीक से चेक करें कि बाहरी जिले के लोगों को खाद नही दे, हंगामा करने के आरोप में एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है, जिसकी जांच की जा रही है, अगर गिरफ्तार किये गये युवक हंगामा मे शामिल नही होंगे तो उन्हे छोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी लोग शांति बनाकर अपने-अपने बारी का इंतजार कर खाद ले कोई भी व्यक्ति हो हल्ला नहीं करें सब किसान भाई आप के ही समाज के हैं।

सवाल के घेरे में बिहार सरकार

अगर समय से लक्ष्य के अनुरूप खाद  आवंटन प्राप्त हुआ होता तो जिले में खाद की किल्लत नहीं होती। इसका कोन है, जिम्मेवार किसानों के हीत में काम करने वाले बिहार के मुखिया नितिश कुमार जी जरा हिन किसानों की लाइन का कतार देख लिजये ता कि आपकी आखों की रोशनी खुल जाएंगी।

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