PATNA : प्रदेश के संविदाकर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें 60 साल की उम्र तक नौकरी, एचआरए, मेडिकल सुविधा, टीए, डीए जैसी अन्य सुविधाए सरकारी कर्मचारियों की तरह मिलेंगी। मंगलवार को संविदाकर्मियों के निय़मतीकरण के लिए 2015 में गठित उच्चस्तीय समिति ने सीएम को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।
जिसके बाद मुख्यमंत्री ने संबंधित सभी विभागों को इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। समिति की ओर से सौंपे गए रिपोर्ट के मुताबिक संविदाकर्मियों के साथ राज्य सरकार स्थायी समझौता करेगी। जिसके बाद उनकी नौकरी 60 साल तक चलेती रहेगी। सरकार के साथ इस समझौते के बाद हर साल संविदा बढ़ाने की औपचारिकता खत्म हो जायगी। साथ ही बार-बार वेतन रुकने या अन्य तरह की आशंकाओं से भी इन्हें मुक्ति मिलेगी।
नियत वेतन में सारी बातों का होगा जिक्र
संविदाकर्मियों के नियत वेतन में बेसिक सैलरी, एचआरए समेत अन्य सभी भत्तों का उल्लेख होगा, जो उन्हें दिया जाना है। सरकारी कर्मचारियों की तरह इन्हें छुट्टी का लाभ मिलेगा। चार साल में एकबार एलटीए और अर्न लीव का लाभ भी मिलेगा। इसके साथ ही महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान पांच महीने का अवकाश मिलेगा।
नीतीश सरकार ने बनाई थी कमेटी
बताते चलें कि बिहार में संविदा पर कार्यरत कर्मियों की तादाद तकरीबन 12 लाख से ज्यादा है। लंबे समय से संविदा पर कार्यरत यह कर्मी सरकार से अपनी सेवा को नियमित करने और 60 साल के उम्र तक कॉन्ट्रैक्ट की समय सीमा निर्धारण की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों के समर्थन में लंबे वक्त से संविदा कर्मियों के आंदोलन को देखते हुए नीतीश सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था। एके चौधरी की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी ने राज्य के सभी जिलों में संविदा कर्मियों से बातचीत कर उनकी मांगों को सुना और अब अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। जिसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया है।