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DEO, DRDE में तैनात क्लर्कों के लिए बड़ी खुशखबरी, प्रमोशन का रास्ता हुआ साफ

DEO, DRDE में तैनात क्लर्कों के लिए बड़ी खुशखबरी, प्रमोशन का रास्ता हुआ साफ

PATNA : डीईओ और आरडीडीई कार्यालयों में तैनात क्लर्कों को भी अब प्रोन्नति का लाभ मिलेगा। शिक्षा विभाग ने मंगलवार को 45 साल पुरानी अपनी नियमावली में कई संशोधन करते हुए अनुसचीवीय कर्मियों की नियुक्ति, प्रोन्नति एवं स्थानांतरण नियमावली 2019 की अधिसूचना जारी कर दी। नयी नियमावली तत्काल प्रभाव से लागू होगी। 

नियमावली के मुताबिक अनुसचीवीय पदों को केन्द्रीय और प्रमंडलीय संवर्ग में पुनर्गठित किया गया है। दोनों संवर्गों में क्रमश: निदेशक माध्यमिक व क्षेत्रिय शिक्षा उप निदेशक (आरडीडीई) नियंत्री अधिकारी होंगे। मूल कोटि निम्नवर्गीय लिपिक, प्रथम प्रोन्नति स्तर उच्च वर्गीय लिपिक, द्वितीय प्रोन्नति स्तर प्रधान लिपिक और तृतीय प्रोन्नति स्तर कार्यालय अधीक्षक के रूप में संवर्ग की संरचना की गयी है। निम्नवर्गीय लिपिक का 85 फीसदी पद सीधी भर्ती द्वारा आयोग की अनुशंसा पर, जबकि 15 फीसदी पद समूह ‘घ' के सुपात्र कर्मचारियों की प्रोन्नति से भरे जायेंगे। 

वहीं नई नियमावली के मुताबिक अनुसचीवीय पदों को केन्द्रीय और प्रमंडलीय संवर्ग में पुनर्गठित किया गया है। दोनों संवर्गों में क्रमश: निदेशक माध्यमिक व क्षेत्रिय शिक्षा उप निदेशक (आरडीडीई) नियंत्री अधिकारी होंगे। मूल कोटि निम्नवर्गीय लिपिक, प्रथम प्रोन्नति स्तर उच्च वर्गीय लिपिक, द्वितीय प्रोन्नति स्तर प्रधान लिपिक और तृतीय प्रोन्नति स्तर कार्यालय अधीक्षक के रूप में संवर्ग की संरचना की गयी है। 

नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि नियुक्ति प्राधिकार हर वर्ष 1 अप्रैल के आधार पर रिक्तियों की गणना करेगा और 30 अप्रैल तक आयोग को अधियाचना भेजी जायेगी। इस प्रावधान के बाद अब रिक्त पदों पर नियुक्ति की उम्मीद बढ़ गयी है, क्योंकि अनुसचीवीय पदों पर वर्षों से नियुक्ति नहीं हुई है। कुछेक नियुक्तियां जो हुई भी हैं वह अनुकम्पा के आधार पर हुई हैं। .

वहीं इस नियमावली में स्थानांतरण का भी प्रावधान किया गया है और यह वही होंगे जो मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा राज्य कर्मियों के लिए निर्धारित हैं। इससे वर्षों से एक जगह जमे रहने पर लगाम लगेगी और हर तीन साल पर इनके तबादले हो सकेंगे। 

पुरानी नियमावली में अनुसचीवीय कर्मियों पर कार्रवाई का स्पष्ट प्रावधान नहीं था। नयी नियमावली में कहा गया है कि बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के प्रावधानों के अनुसार अनुशासनिक कार्रवाई की जा सकेगी। नियमावली में अर्हता, आरक्षण, विभागीय परीक्षा, सेवा सम्पुष्टि, वरीयता, प्रोन्नति, कठिनाई का निराकरण समेत तमाम जरूरी प्रावधानों को शामिल किया गया है। 

इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों में लैब असिस्टेंट, इंस्ट्रक्टर, क्लर्क आदि पदों पर संविदा पर पूर्व से कार्यरत कर्मियों की सेवा अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी गई है। इसका आदेश विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने जारी किया। इसका फायदा 145 कर्मियों को मिलेगा। कर्मियों की प्रतिनियुक्ति जिन कॉलेजों में है, वे वहीं कार्य करते रहेंगे। 


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