दिल्ली में चलेगा गुजरात वाला कानून, उप राज्यपाल ने केंद्र से की सिफारिश, बढ़ जाएगी मुख्यमंत्री केजरीवाल की टेंशन

NEW DELHI : दिल्ली की केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच मतभेद किसी से छिपी हुई नहीं है। लगभग ह मुद्दे पर दोनों के बीच मतभेद नजर आते हैं। ऐसे में दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने अपराध पर काबू पाने के लिए नया राग छेड़ दिया है। उन्होंने क्राइम कंट्रोल करने के लिए केंद्र से गुजरात वाला कानून लागू करने की सिफारिश की है।  

जानें क्या है इस कानून की खासियत

उप राज्यपाल ने अपनी सिफारिश में दिल्ली में द गुजरात प्रिवेंशन ऑफ एंटी-सोशल एक्टिविटीज एक्ट 1985 को लागू करने की मांग की है। इस कानून के तहत सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए खतरनाक अपराधियों, अवैध शराब बेचने वालों, नशे से जुड़े अपराधियों, ट्रैफिक कानून को तोड़ने वाले और संपत्ति हड़पने वालों की ओर से किए जाने वाले असामाजिक और खतरनाक कामों को रोकने के लिए उन्हें बिना नोटिस दिए हिरासत में लेने का प्रावधान है।

गृह विभाग ने यह प्रस्ताव LG के पास अप्रूवल के लिए भेजा था

गृह विभाग ने 27 जून 2023 को दिल्ली में गुजरात के इस कानून को लागू करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश (कानून) अधिनियम की धारा 2 के तहत अधिसूचना जारी करने के लिए प्रस्ताव LG के पास अप्रूवल के लिए भेजा था।

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केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे जाने वाले इस कानून के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को दिल्ली सरकार के कानून विभाग ने GNCTD एक्ट 2021 के प्रावधानों के मुताबिक होने की जांच की। साथ ही, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (1993) के प्रावधानों और GNCD आर्डिनेंस 2023 से संबंधित नियमों का भी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में ध्यान रखा है।

इस राज्य में भी लागू है कानून

 रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेलंगाना में लागू इसी तरह के कानून “द तेलंगाना प्रिवेंशन ऑफ डेंजरस एक्टिविटिज ऑफ बूट लेगर्स, प्रोपर्टी ऑफेंडर्स आदि एक्ट 1986’ पर भी विचार किया गया था, लेकिन गुजरात के कानून को ज्यादा बेहतर और उपयुक्त पाया गया।