डेस्क... राज्य में अब धान की खरीदी का लक्ष्य बढ़ा दिया है। 23 नवंबर से शुरू हुए धान खरीदी का लक्ष्य पहले 30 लाख टन का था, जिसे बदल कर अब 45 लाख टन कर दिया गया है। गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता नहीं करने पर केंद्र सरकार ने राज्य में धान खरीदी का लक्ष्य बढ़ाया है। राज्य सराकर ने इस वर्ष धान खरीद का लक्ष्य बढ़ाने के लिए केन्द्र से अनुरोध किया था। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिजेन्द्र यादव ने इसके लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था। इसी आलोक में केन्द्र ने यह फैसला लिया है। साथ ही राज्य सरकार को सलाह दी है कि इसके लिए पर्याप्त संख्या में क्वालिटी कंट्रोल से जुड़े अधिकारियों को लगाया जाए।
केन्द्र सरकार ने राज्य में धान खरीद का लक्ष्य बढ़ा दिया है। सरकार ने पहले से तय तीस लाख टन के लक्ष्य को धान की जगह चावल में बदल दिया। यानी अब तीस लाख टन चावल की सरकारी खरीद होगी। इसके लिए राज्य सरकार को लगभग 45 लाख टन धान की खरीद करनी होगी। राज्य में धान खरीद का अब तक यह सबसे बड़ा लक्ष्य है।
धान खरीद का लक्ष्य तो बढ़ गया, लेकिन शेष प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया। अभियान 31 मार्च तक ही चलेगा। खरीद में लगे व्यापारमंडल व पैक्सों को हर हाल में चावल मिल से जोड़ा जाएगा। अगर किसी जिले में धान की खरीद की मात्रा की क्षमता भर चावल मिल नहीं होगा तो वहां के पैक्सों या व्यापारमंडलों को पड़ोसी जिले की मिलों से जोड़ा जाएगा। मिलों को पहले चावल देना होगा उसके बाद धान पैक्स देंगे। चावल लेने की अंतिम तारीख 31 जुलाई होगी।