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गया में प्रागबिधि से सुजाता तक ज्ञान यात्रा का हुआ आयोजन, थाई देवी के साथ 500 श्रद्धालुओं ने लिया हिस्सा

गया में प्रागबिधि से सुजाता तक ज्ञान यात्रा का हुआ आयोजन, थाई देवी के साथ 500 श्रद्धालुओं ने लिया हिस्सा

GAYA : बोधगया में ढूंगेश्वरी पहाड़ स्थित तलहटी से भव्य ज्ञान यात्रा निकाली गई,जो सेनानी ग्राम स्थित सुजाता स्तूप तक पहुंची। इस ज्ञान यात्रा में जिला प्रशासन के कई पदाधिकारियों के साथ साथ कई देशों के बौद्ध भिक्षु और श्रद्धालु  शामिल हुए। ज्ञान यात्रा को गया के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। 

ज्ञान यात्रा में शामिल लोग बुद्धं शरण गच्छामि का जयघोष करते हुए चल रहे थे। वही सुजाता स्तूप पहुंचने पर थाईलैंड से आई  द मदर हैंड मेडिटेशन सेंटर अंडर होली सोल चैरिटेबल ट्रस्ट वाराणसी के अध्यक्ष अजान यानार्वी चंद्रकदमोत्री उर्फ बड़ी मां  ने सभी को पवित्र खादा और पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। उसके बाद जिला प्रशासन के पदाधिकारियों के साथ बड़ी मां ने स्तुपा का परिक्रमा किया। 

वही बड़ी मां ने बौद्ध भिक्षुओं को बताया की सिद्धार्थ गौतम अपने ज्ञान की प्राप्ति के लिए  प्रागबोधि में तपस्या किए थे। उसी के रास्ते वे ज्ञान की खोज में सेनानी ग्राम पहुंचे और यहां भी तस्पया किए। तपस्या करते देख सेनानी ग्राम के महारानी सुजाता ने उन्हें अपने हाथों से खीर खिलाई थी। जिसके बाद सिद्धार्थ गौतम को बोधी वृक्ष के पास  उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई,और वे भगवान बुद्ध के नाम से प्रचलित हुए। 

बड़ी मां ने बताया की सुजाता महारानी के हाथो खीर खाने के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। थाई देवी ने ज्ञान यात्रा में शामिल श्रद्धालुओ के लिए चाय और नाश्ता के साथ खीर भी खिलवाई। इस ज्ञान यात्रा में लगभग पांच सौ लोग शामिल थे। गौरतलब है की प्रत्येक वर्ष बौद्ध महोत्सव से पहले ज्ञान यात्रा निकाली जाती है,जिसमे बीटीएमसी और जिला प्रशासन की सहयोग से इस रास्ते को साफ सफाई,पंडाल और नाश्ता,पानी के साथ अन्य व्यवस्थाओं पर लाखो रुपए खर्च किया जाता है। दो दिन पूर्व से ही नगर परिषद के कर्मचारी इस रास्ते को साफ सफाई करवाने में लगे थे। बड़ी मां की इस कार्यक्रम के कारण प्रत्येक वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

गया से संतोष की रिपोर्ट 

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