PATNA : लालू प्रसाद द्वारा बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास को भकचोन्हर कहे जाने को लेकर जमकर राजनीति की जा रही है। इसमें वैसे नेता भी अब सामने आ गये हैं, जो पिछले पांच दशक से लालू प्रसाद को जानते हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा है लालू प्रसाद किसी का सम्मान नहीं कर सकते हैं। अभद्रता और अशिष्टता उनकी पूंजी रही है. जिसका इस्तेमाल वह लंबे समय से सभी नेताओं के लिए करते रहे हैं। यह आज कोई पहली बार नहीं है,जब उन्होंने किसी नेता का अपमान किया है। उन्होंने सिर्फ अपने माता -पिता को छोड़कर किसी का सम्मान नहीं किया है।
कांग्रेस से पुरानी खुन्नस
अनिल शर्मा ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि कन्हैया के आने के कारण राजद और कांग्रेस के बीच दूरी बढ़ गई, लेकिन यह गलत है। कांग्रेस के प्रति लालू की यह नाराजगी तबसे है, जब यूपीए 2 के मंत्रीमंडल में लालू को जगह नहीं दी गई। इसके बाद मनमोहन सरकार ने एक ऐसा कानून बना दिया, जिसके कारण लालू को जेल जाना पड़ा, जिसका खुन्नस लालू प्रसाद आज तक पाले बैठे हैं। यहां तक कि जिस पप्पू यादव को लालू यादव बर्बाद करना चाहते थे, उनकी पत्नी रंजीता रंजन को पार्टी ने सेक्रेटरी बना दिया।
बिहार के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 2015 महागठबंधन की सरकार बनी तो लालू राजद का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, क्योंकि उनके पास उस समय 81 विधायक थे, जबकि नीतीश के पास 71 विधायक थे। लेकिन कांग्रेस के दबाव में उन्हें झूकना पड़ गया। इस वजह से लालू प्रसाद मौके की तलाश में थे। जो अब खुलकर सामने आ रहे हैं।
सिर्फ मां-बाप के लिए सम्मान
उन्होंने कहा कि लालू यादव को 1970-71 से जानता हूं, जब वह छात्र राजनीति करते थे। उस समय भी लालू प्रसाद किसी का सम्मान नहीं करते थे। उनकी डिक्शनरी में शिष्टाचार और सम्मान शब्द नहीं है। वह सिर्फ अपने माता पिता को छोड़कर दुनिया में किसी का सम्मान नहीं कर सकते हैं।