SITAMADHI : शिक्षा विभाग के एसीएस का खौफ प्रदेश के सभी सरकारी शिक्षकों में हैं। कोई भी शिक्षक नहीं चाहेगा कि वह उनकी नजर में आए। खासकर तब जब वह आपके जिले में हों। सीतामढ़ी जिले के एक हेडमास्टर और दो शिक्षकों से यही गलती हो गई। नतीजा यह हुआ कि तीनों के निलंबन के आदेश एसीएस ने दे दिए। तीनों पर यह कार्रवाई स्कूल से गायब रहने को लेकर की गई। इसके अलावा केके पाठक ने मिड डे मील आपूर्ति करने वाली एजेंसी नवप्रयास एक लाख रुपये का जुर्माना ठोका।
नगर निगम के एक स्कूल में पहुंचे थे केके पाठक
बताया गया कि नगर निगम वार्ड-20 अंतर्गत मध्य विद्यालय खड़का में विद्यालय की व्यवस्था की शिकायत मिलने पर पहुंचे केके पाठक ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक की अनुपस्थिति के बारे में पूछा। पता चला कि प्रधानाध्यापक सत्य प्रकाश ज्ञानी ने आवेदन बढ़ाकर छुट्टी मार बैठे थे, जबकि उनका आवेदन अभी स्वीकृत नहीं हो पाया था।इस संदर्भ में डुमरा बीईओ सह सर्व शिक्षा अभियान डीपीओ सुभाष कुमार से पूछा तो उन्होंने भी अनभिज्ञता जाहिर कर दी। वहीं विद्यालय के दो सहायक शिक्षक रोहित कुमार व रुपेश कुमार भी बिना सूचना अनुपस्थित पाए गए। लिहाजा, तीनों को निलंबित करने का आदेश डीईओ को दे दिया। बता दें कि नियमानुसार, प्रभारी प्रधानाध्यापक को बीईओ से छुट्टी का आवेदन स्वीकृत कराना पड़ता है।
विद्यालय में चोरी की बिजली का हो रहा इस्तेमाल
केके पाठक को देखकर बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा मनमानी की जाती है और पढ़ाई-लिखाई में ध्यान नहीं दिया जाता है। इस बात पर वर्ग कक्षा में गए और बच्चों से भी जानकारी ली। इस विद्यालय में 513 बच्चों में 259 ही मौजूद थे। विद्यालय के शौचालय में पानी का इंतजाम नहीं था। इस पर उन्होंने प्रभारी प्रधानाध्यापिका से पूछा तो जवाब दिया कि पानी बिजली से आता है और वह तार ही किसी ने कहीं से विच्छेद कर दिया है। ग्रामीणों ने कह दिया कि चोरी से बिजली जलाई जा रही है। यह सुनकर केके पाठक ने अविलंब नियमानुसार कनेक्शन लेने का आदेश दिया।
बच्चों ने उनके बाद बताया कि अंकल आज क्या है कि इतना अच्छा खाना परोसा जा रहा है। केके पाठक के आने से पुलाव, सब्जी के साथ मेन्यू के अनुसार खाना मिलने पर बच्चों में जबरदस्ती खुशी देखी गई। सभी बच्चे यहीं चाह रहे थे कि काश! ऐसी व्यवस्था रोजाना रहती।
इस दौरान के के पाठक ने जब मिड डे मील (MDM) की जानकारी ली तो बताया गया कि अबतक एनजीओ द्वारा एमडीएम नहीं भेजा गया है. उन्होंने डीपीओ एमडीएम को निर्देश दिया कि संबंधित एनजीओ द्वारा विद्यालय में बच्चों के लिए ससमय एमडीएम उपलब्ध नहीं कराने पर एक लाख रुपये बतौर जुर्माना कटौती की जाए