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पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी को लेकर जनहित याचिका पर हुई सुनवाई, राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश

पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी को लेकर जनहित याचिका पर हुई सुनवाई, राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना महामारी से उत्पन्न हालात के सम्बन्ध में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नए सिरे से पूरे व सही तथ्यों की जांच कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। कल राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामा में विरोधाभासी तथ्यों को कोर्ट ने काफी सख्त रुख अपनाया था। आज मामलें की ऑनलाइन सुनवाई हुई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रधान सचिव व सभी जिलों के सिविल सर्जन उपस्थित हुए। राज्य सरकार द्वारा दायर विरोधभासी हलफनामा पर ऑनलाइन उपस्थित सचिव अमृत प्रत्यय ने अफ़सोस जाहिर किया। उन्होंने कहा की अगली सुनवाई में विस्तृत,सही और पूरे तथ्यों के साथ हलफनामा दायर किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा समिति के कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार के अध्यक्षता में चार सदस्यों की एक टीम गठित किया गया है, जो राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी और उपलब्ध सुविधाओं की जांच कर विस्तृत,सही और पूरा ब्यौरा देगा। ज़िला के सभी जिलों के सिविल सर्जनों द्वारा ज़िला के सरकारी अस्पतालों के सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा तथ्यों को जांच कर प्रस्तुत करेंगे। राज्य सरकार ने कल जो ज़िला के सरकारी अस्पतालों के सम्बन्ध में हलफनामा दायर किया था, उसमें काफी जानकारियां सही नहीं थी।


कोर्ट ने इसे काफी गम्भीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पूरा और सही ब्यौरा प्रस्तुत करने को कहा था। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर आज साढ़े ग्यारह बजे सुबह virtual mode पर सुनवाई प्रारम्भ किया। कोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव समेत सभी ज़िला के सिविल सर्जनों को ऑनलाइन उपस्थित हो कर सारी स्थिति का ब्यौरा दिया। कोर्ट ने पटना के सिविल सर्जन को निर्देश दिया की अस्पतालों में सारी व्यवस्था,दवा,डॉक्टर व अन्य सुविधाओं की तैयारी रखें। पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर राज्य भर में कराई गई सुविधाओं के संबंध में ब्यौरा देने को कहा था। कोर्ट ने विशेष तौर पर साउथ अफ्रीका में फैले कोविड के नए वैरियंट ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार को राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण के संबंध में  सूचित करने को कहा था। अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने उसके पूर्व भी राज्य के राज्य भर में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन व एम्बुलेंस आदि के संबंध में ब्यौरा माँगा था। इस मामले पर 24 दिसम्बर, 2021को सुनवाई की जाएगी।

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