मधुबनी पेंटिंग की सरकारी उपेक्षा पर पटना हाईकोर्ट में दो हफ्ते बाद होगी सुनवाई, पिछली सुनवाई में HC ने एक्शन रिपोर्ट पर जाहिर किया था गहरा असंतोष

PATNA: पटना हाइकोर्ट में राज्य की प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित मधुबनी पेंटिंग की सरकारी उपेक्षा और दयनीय अवस्था पर सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी। आत्मबोध की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए जवाबी हलफनामा पर विचार करने को कहा है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कार्रवाई रिपोर्ट पर गहरा असंतोष जाहिर किया था।
बता दें कि, पूर्व की सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील डॉ. मौर्य विजय चन्द्र ने कोर्ट को बताया था कि मधुबनी पेंटिंग के विकास,विस्तार और कलाकारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। वहीं पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने कला और संस्कृति सचिव और उद्योग विभाग के निर्देशक को पटना एयरपोर्ट परिसर में बने मधुबनी पेंटिंग का निरीक्षण कर कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत का निर्देश दिया था। उन्होंने जो रिपोर्ट दिया था ,उससे स्पष्ट हुआ था कि पटना एयरपोर्ट के परिसर में जो मधुबनी पेंटिंग लगी है,वहां न तो कलाकारों को क्रेडिट दिया गया है।ना ही जी आई टैग लगा हुआ है।
इससे मधुबनी पेंटिंग व उसके कलाकारों की उपेक्षा स्पष्ट होती है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि मधुबनी पेंटिंग के विकास और विस्तार के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाना चाहिए।याचिकाकर्ता के वकील डॉ. मौर्य विजय चन्द्र ने कोर्ट को बताया कि मधुबनी पेंटिंग सरकारी उपेक्षा का शिकार तो है ही, साथ ही मधुबनी पेंटिंग करने वाले कलाकारों का शोषण भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मधुबनी पेंटिंग की ख्याति देश विदेश में है,लेकिन मधुबनी पेंटिंग के कलाकार गरीबी में जीवन बीता रहे हैं। उन्होंने बताया कि मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों को अपने कानूनी अधिकारों का ज्ञान नहीं है।
वहीं इसी का लाभ बिचौलिए उठाते है। उनकी पेंटिंग का बाहर ले जा कर महंगे दामों में बेचते है, जबकि उन कलाकारों को बहुत थोड़ी सी रकम दे देते है। इस मामलें पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।