पटना. हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता के साथ हाथापाई एवं दुर्व्यवहार किए जाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त की। जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने पटना के शास्त्रीनगर थाने में वकील के साथ घटी घटना पर पटना के एसएसपी और आईओ को अगली सुनवाई में तलब किया है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता प्रभु नारायण शर्मा ने बताया कि इस मामले में पर 3 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। वकीलों ने कोर्ट को बताया कि प्राथमिकी अज्ञात के ख़िलाफ़ दर्ज की गई है।
इस पर कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि प्राथमिकी अज्ञात के ख़िलाफ़ क्यों दर्ज की गई? खंडपीठ ने इस बात पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि क्यों नहीं पुलिस के इस तरह के रवैए पर इस मामलें की जांच स्वतंत्र एजेंसी को सौंप दी जाए? कोर्ट को अधिवक्ता गौतम केजरीवाल ने बताया कि दोषी पुलिसकर्मियों द्वारा ग़लत तरीक़े से उल्टा पीड़ित अधिवक्ता के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर दिया गया है, जो कि पुलिस के रवैए को स्पष्ट दिखाता है।
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने मारपीट करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर राज्य पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने शास्त्री नगर थाना के दोषी पुलिस कर्मियों को गिरफ़्तार कर क़ानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए कहा था कि आख़िर दोषी पुलिसकर्मी के ख़िलाफ़ अभी तक एफआईआर दर्ज कर उसकी गिरफ़्तारी क्यों नहीं की गई ? सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि दोषी पुलिसकर्मी के ख़िलाफ़ विभागीय कार्रवाई चलाई जा रही है।
कोर्ट ने दोषी पुलिस कर्मी लाल बहादुर यादव के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने और एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट दायर करने का अंतिम मौका राज्य पुलिस को दिया था। इसके साथ साथ कोर्ट ने थाने की सीसीटीवी फूटेज को संरक्षित करने का निर्देश दिया था।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता साकेत गुप्ता ने आरोप लगाया है कि वह 3 अगस्त की शाम को अपने परिचित अभिषेक कुमार एवं अन्य अधिवक्ताओं के साथ एक केस के सिलसिले में शास्त्री नगर थाना गए थे। उनके परिचित अभिषेक कुमार को शास्त्री नगर थाने में पदस्थापित एसआई स्मृति ने पूछताछ के लिए बुलाया था।
पूछताछ के दौरान एसआई स्मृति एवं लाल बाबू अभिषेक के साथ बदतमीजी और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। इसी दौरान जब अधिवक्ता साकेत ने उन्हें ऐसा करने से रोका, तो इन दोनों एसआई ने अधिवक्ता साकेत, अधिवक्ता मयंक शेखर एवं अधिवक्ता रजनीकांत सिंह के साथ धक्का मुक्की करने लगे। इसका विरोध किए जाने पर एसआई लाल बाबू ने अधिवक्ता को पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी दी और उन पर हाथ उठाया।
इस बात की शिकायत अधिवक्ता ने पटना के सिटी एसपी से भी की। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए इन पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही करने हेतु नोटिस जारी किया था। इस मामले की अगली सुनवाई 21सितंबर 2022 को होगी।