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हाई कोर्ट का आदेश, STET परीक्षा में गलत प्रश्न सेट करने वाले पर कार्रवाई करे सरकार और अगली बार सिलेबस से ही पूछा जाए प्रश्न

हाई कोर्ट का आदेश, STET परीक्षा में गलत प्रश्न सेट करने वाले पर कार्रवाई करे सरकार और अगली बार सिलेबस से ही पूछा जाए प्रश्न

Patna: हाई कोर्ट ने 28 जनवरी 2020 को आयोजित STET परीक्षा को जहां रद्द कर दिया है. वहीं यह भी आदेश दिया है कि STET परीक्षा में गलत प्रश्न सेट करने वाले पर सरकार अविलम्ब कार्रवाई करे. पटना उच्च न्यायालय ने STET परीक्षा के खिलाफ दायर रिट पर  सुनवाई करते हुए उपरोक्त आदेश दिया है. बता दें कि पटना उच्च न्यायालय ने निरज कुमार की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए STET परीक्षा 2020 को रद्द कर दिया था.

क्या है पूरा मसला

बता दें कि बिहार सरकार के द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्टेट टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन किया जाता है. इसी के तहत 28 जनवरी 2020 को एस टी ई टी का एग्जाम आयोजित किया गया था. परीक्षा के बाद से ही कई तरह के सवाल खड़े होने लगे थे. 

नीरज कुमार ने 25 फरवरी को एसटीइटी एग्जाम के खिलाफ एक रिट दायर किया था जिसमें यह कहा गया था कि एसटीईटी एग्जाम के दौरान प्रश्न पत्र वायरल हो गया था. साथ ही यह भी कहा गया कि प्रश्न एसटीइटी सिलेबस से बाहर के पूछे गए हैं.  इतना ही नहीं कुछ और आरोप भी लगाए गए थे. रिट दायर होने के 30 अप्रैल 2020 तक सरकार की तरफ से कोई काउंटर फाइल नहीं किया गया. वहीं दूसरी तरफ बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने 30 अप्रैल 2020 को ही आंसर सेट भी जारी कर दिया और यह भी बताया गया कि 15 मई को इसका परीक्षा परिणाम भी जारी कर दिया जाएगा.

रिट दायर करने वाले पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील दीनू कुमार और रितिका रानी ने बताया कि एसटीइटी एग्जाम के खिलाफ जो पीआईएल दाखिल किया गया था उसकी सुनवाई पहली दफा 12 मई को हुई। जिसमें यह बताया गया कि एस टी ई टी एग्जाम में सिलेबस से बाहर का प्रश्न पूछा गया। इतना ही नहीं विज्ञान की परीक्षा में जहां वनस्पति शास्त्र और जंतु विज्ञान सहित रसायन शास्त्र का प्रश्न पूछा जाना चाहिए था उसमें फिजिक्स के भी 30 प्रश्न पूछा गया। वहीं दूसरी तरफ गणित की परीक्षा में सिर्फ गणित का प्रश्न पूछा जाना चाहिए था तो वहां फिजिक्स का भी प्रश्न पूछा गया। जस्टिस अमानुल्लाह ने सबसे पहले इस पर सुनवाई करते हुए परीक्षा को रद्द कर फैसला सुनाया और साथ ही उन्होंने बिहार सरकार को गलत प्रश्न पूछने वाले पर कार्रवाई करने को भी कहा। इसी सिलसिले में आज जस्टिस अमानुल्लाह ने अपना फैसला सुनाते हुए यह कहा है कि अगली बार एसटीइटी के एग्जाम में विज्ञापन के अनुसार जो सिलेबस है उसी के तहत प्रश्न पूछा जाना चाहिए. 

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