Patna : बिहार की बदहाल शिक्षा-व्यवस्था को लेकर पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार से सवाल किया है कि बिहार में क़्वालिटी एजुकेशन देने के लिए, खासकर गरीबों के बच्चों के लिए , सरकार क्या कर रही है?
दरअसल पटना हाईकोर्ट के जज डॉक्टर अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने कौशल किशोर ठाकुर की रिट याचिका पर आज सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट प्रदेश की वर्तमान शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार पर तल्ख टिप्पणी की।
न्यायमूर्ति उपाध्याय ने मुख्य सचिव को खुद से हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा है कि बिहार में बेपटरी हुई शिक्षा व्यवस्था को कैसे वापस पटरी पर लाया जाए ताकि राज्य के भविष्य जिन गरीबों के करोड़ों बच्चों के कंधों पर है उनको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके ।
कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य में शिक्षा की ऐसी बदतर स्थिति इसलिए है क्योंकि सूबे के सरकारी अफसर अपने बच्चों को राज्य से बाहर पढ़ाते हैं।
कोर्ट ने कहा कि राज्य में शिक्षा को ऐसी बदतर स्थिति से तभी उबारा जा सकता है जब तमाम अफसरों को बाध्य किया जाए कि उनके बच्चे राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ें। ऐसा लगता है कि सूबे में कानून का राज एक नारा बन कर रह गया है जिस पर कोई अमल नही कर सकता।राज्य में शिक्षा सबसे खराब हालत में हैं फिर भी इसकी सुध किसी को नही।