N4N DESK: भारत के उच्चतम न्यायालय, यानी कि सुप्रीम कोर्ट में 9 नवनिर्वाचित जजों के शपथ ग्रहण का विशेष कार्यक्रम आयोजित कराया गया। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने कुछ दिनों पहले इन नामों को सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा था, जिसे हरी झंडी दी गई। देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने जजों को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पद का शपथ दिलायी।
शपथ ग्रहण समारोह सुप्रीम कोर्ट के अतिरिक्त भवन परिसर के सभागार में हुआ। परंपरागत रूप से नए जजों को पद की शपथ प्रधान जज के अदालत कक्ष में दिलाई जाती है। मंगलवार को नौ नए न्यायाधीशों के शपथ लेने के साथ सुप्रीम कोर्ट में प्रधान जज सहित जजों की संख्या 33 हो गई। सर्वोच्च न्यायालय में CJI समेत कुल 34 जज हो सकते हैं। आपको बता दें, इन 9 जजों में से 3 महिला न्यायाधीश भी शामिल हैं। गौरतलब है कि शपथ लेने वाले नये न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका, विक्रम नाथ, कितेंद्र कुमार माहेश्वरी, हिमा कोहली, बी.वि.नागरत्ना, सीटी रविकुमार, एमएस सुंदरेश, बेला एम त्रिवेदी और पीएस नरसिम्हा शामिल हैं।
वहीं न्यायमूर्ति नागरत्ना सितम्बर 2027 में पहले4 महिला प्रधान न्यायधीश बनने की कतार में हैं। आपको बता दें कि वकीलों को सीधे जज बनाने की शक्ति संविधान के अनुछेद 124 से आती है। इसके अनुसार वह व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में जज बन सकता है, जो कम से कम पांच साल हाईकोर्ट के जज रहे हों या हाईकोर्ट में कम से कम 10 साल वकालत किया हो या फिर राष्ट्रपति के नजर में प्रमुख न्यायिवाद हो।