DESK: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर भी कई बातें कही है। अमित शाह ने कहा कि मणिपुर की घटना शर्मनाक है लेकिन इस घटना को राजनीति करना और भी अधिक शर्मनाक है।
विपक्ष को गृहमंत्री को सुनना पड़ेगा
वहीं शाह ने विपक्ष की तरफ से टोके जाने पर कटाक्ष कर कहा कि, "विपक्ष को देश के गृह मंत्री को सुनना पड़ेगा। आप मुझे बीच में नहीं रोक सकते। 130 करोड़ की जनता ने हमें चुनके यहां भेजा है।" अमित शाह ने कहा कि, केंद्र की मोदी सरकार पहले दिन से ही मणिपुर पर चर्चा करने के लिए तैयार है। स्पीकर को चिट्ठी लिखकर चर्चा की मांग की थी।
विपक्ष ने फैलाईं कई अफवाहें
अमित शाह ने कहा कि, मोदी सरकार के आने के बाद मणिपुर में हिंसक घटनाएं कम हुई हैं। विपक्ष मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहता है। मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष की तरफ से कई तरह की अफवाहें फलाई गईं। 6 साल में मणिपुर में एक भी दिन कर्फ्यू नहीं लगा। गृह मंत्री ने कहा कि 1993 में नागा-कुकी संघर्ष में 700 लोग मारे गए थे। तब गृह राज्य मंत्री ने संसद में बयान दिया था, प्रधानमंत्री या गृह मंत्री ने नहीं।
सदन के एक दिन पहले ही वीडियो क्यों आया ?
बता दें कि, मणिपुर की वायरल वीडियो वाली घटना को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि, 4 मई की दुर्घटना शर्मनाक है। लेकिन संसद सत्र के एक दिन पहले ही ये वीडियो क्यों आया ? जिसने यह वीडियो फैलाया उसे तब ही इसे पुलिस को देना चाहिए था। जिस दिन वीडियो मिला उसी दिन 9 लोगों की पहचान कर पकड़ा और अब वो ट्रायल का सामना कर रहे हैं।
हिंसा का समय राजनीति नहीं करना चाहिए
केंद्रीय गृह मंत्री ने राहुल गांधी के मणिपुर घटना को लेकर कहा कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर दौरे के दौरान सड़क मार्ग से जाने की जिद पर अड़े रहे जबकि वह शांति से हवाई मार्ग से जा सकते थे। उन्होंने कहा, ऐसा समय राजनीति करने का नहीं होता है यह बात विपक्ष को समझनी चाहिए।