उदयनिधि ने मोदी पर उगला आग, कहा- "मोदी और उनके सहयोगी’ अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए ‘सनातन’ का उपयोग कर रहे, सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन के बयान से 'इंडिया' गठबंधन कैसे बँटा?

दिल्ली- सनातन धर्म विरोधी टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीखे हमले के बाद द्रविड़ मुनेत्र कषगम नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बृहस्पतिवार को भाजपा नेताओं पर उनके बयानों को ‘‘तोड़ मरोड़कर पेश’’ करने का आरोप लगाया और सभी मामलों का कानूनी रूप से सामना करने का संकल्प जताया.
उदयनिधि स्टालिन ने पहले एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, "ऐसी कुछ चीज़ें होती हैं, जिनका विरोध करना काफ़ी नहीं होता, हमें उन्हें समूल मिटाना होगा. मच्छर, डेंगू बुख़ार, मलेरिया, कोरोना ये ऐसी चीज़ें हैं, जिनका हम केवल विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना होगा. सनातन भी ऐसा ही है.इसपर अभी विवाद ठंडा भी नहीं हुा था कि उदय निधि ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि वह मणिपुर हिंसा को लेकर उठते सवालों का सामना करने से डरकर ‘‘दुनिया भर में घूम रहे हैं.
उदयनिधि ने कहा कि पिछले नौ वर्षों से आपके (भाजपा) सभी वादे खोखले रहे हैं, आपने वास्तव में हमारे कल्याण के लिए क्या किया है, यह सवाल वर्तमान में फासीवादी भाजपा सरकार के खिलाफ पूरा देश एकजुट होकर उठा रहा है. यह इसी पृष्ठभूमि में है कि भाजपा नेताओं ने टीएनपीडब्ल्यूएए सम्मेलन में मेरे भाषण को तोड़-मरोड़कर ‘नरसंहार भड़काने वाला’ बताया. वे इसे खुद को बचाने का हथियार मानते हैं.
उदयनिधि ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ‘‘फर्जी खबर’’ के आधार पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.पूरी निष्पक्षता से कहें तो मुझे उनके खिलाफ आपराधिक मामले और अन्य अदालती मामले दायर करना चाहिए क्योंकि उन्होंने सम्मानजनक पदों पर रहते हुए मुझे बदनाम किया. लेकिन मुझे पता है कि यह उनके अपने अस्तित्व को बचाए रखने का तरीका है. वे नहीं जानते कि अस्तित्व बचाने का और तरीका क्या है, इसलिए मैंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया है.
बता दे उदयनिधि द्रमुक के संस्थापक, द्रविड़ वरिष्ठ नेता दिवंगत सीएन अन्नादुरई के राजनीतिक उत्तराधिकारियों में से एक हैं. अन्नादुरई के कथन का जिक्र करते हुए उदयनिधि ने कहा कि हर कोई जानता है कि हम किसी भी धर्म के दुश्मन नहीं हैं. मैं धर्मों पर अन्ना की टिप्पणी बताना चाहूंगा जो आज भी प्रासंगिक है. अगर कोई धर्म लोगों को समानता की ओर ले जाता है और उन्हें भाईचारा सिखाता है, तो मैं भी एक अध्यात्मवादी हूं. अगर कोई धर्म लोगों को जातियों के नाम पर विभाजित करता है, अगर वह उन्हें अस्पृश्यता और गुलामी सिखाता है तो मैं ऐसे धर्म का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा.उन्होंने कहा कि द्रमुक उन सभी धर्मों का सम्मान करती है जो सिखाते हैं कि हर कोई जन्म से समान होता है.
उदयनिधि ने कहा कि लेकिन प्रतीत होता है कि इनमें से किसी के बारे में उन्हें बिल्कुल भी समझ नहीं है.मोदी और उनके सहयोगी संसदीय चुनावों का सामना करने के लिए पूरी तरह से इस तरह की बदनामी पर निर्भर हैं. मैं केवल उनके लिए खेद महसूस कर सकता हूं. पिछले नौ वर्षों से मोदी कुछ नहीं कर रहे. कभी वह नोटबंदी करते हैं, झोपड़ियों को छिपाने के लिए दीवार बनाते हैं, नया संसद भवन बनाते हैं, वहां सेंगोल (राजदंड) खड़ा करते है, देश का नाम बदलकर खिलवाड़ करते हैं, सीमा पर खड़े होकर सफेद झंडा लहराते हैं.
उदयनिधि ने पीएम पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या पिछले नौ वर्षों में केंद्र सरकार की ओर से द्रमुक की पुधुमई पेन या मुख्यमंत्री नाश्ता योजना या कलैग्नार की महिला अधिकार योजना जैसी कोई प्रगतिशील योजना आई है? क्या उन्होंने मदुरै में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बनाया है? क्या उन्होंने कलैग्नार शताब्दी पुस्तकालय जैसे किसी ज्ञान मुहिम को आगे बढ़ाया है.
उदयनिधि ने पीएम मोदी पर करारा हमला करते हुए कहा कि भारत में मणिपुर के बारे में सवालों का सामना करने से डरकर वह अपने दोस्त गौतम अडाणी के साथ दुनिया भर में घूम रहे हैं. सच तो यह है कि लोगों की अज्ञानता ही उनकी नाटकीय राजनीति की पूंजी है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी और उनके सहयोगी मणिपुर में भड़के दंगों में 250 से अधिक लोगों की हत्या और 7.5 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार समेत तथ्यों से ध्यान भटकाने के लिए ‘सनातन’ धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए बहुत सारा काम है, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शामिल है और उन्होंने उनसे उस पर ध्यान केंद्रित करने को कहा.उदयनिधि ने कहा कि मैं सूचित करना चाहूंगा कि हमारे पार्टी अध्यक्ष (तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन) के मार्गदर्शन और हमारी पार्टी आलाकमान की सलाह पर मैं अपने खिलाफ दायर मामलों का कानूनी रूप से सामना करूंगा.
उदयनिधि ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह मणिपुर हिंसा को लेकर उठते सवालों का सामना करने से डरकर ‘‘दुनिया भर में घूम रहे हैं.
वहीं उदयनिधि के बयान पर भाजपा नेता रविशंकर ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था, ''इस मुद्दे पर राहुल गांधी क्यों ख़ामोश हैं? राहुल गांधी मंदिर-मंदिर घूमते हैं, जल चढ़ाते हैं, अपने गोत्र की बात करते हैं. नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव क्यों ख़ामोश हैं? ये स्पष्ट है कि वोटबैंक की राजनीति के लिए घमंडिया संगठन का जमावड़ा है, ये हिंदू धर्म का विरोध कर रहे हैं. इनकी बुनियादी सोच हिंदू विरोधी है.
वहीं 'इंडिया' गठबंधन की अहम पार्टी ममता बनर्जी की एआईटीएमसी ने भी उदयनिधि के बयान से दूरी बनाई. तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ''हम ऐसे बयानों की निंदा करते हैं. हमें हर धर्म का सम्मान करना चाहिए. सद्भाव हमारी सभ्यता रही है. इंडिया गठबंधन का ऐसे बयानों से कोई नाता नहीं है. चाहे कहने वाला कोई भी हो, हमें ऐसे बयानों की निंदा करनी चाहिए.पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी बिना किसी का नाम लिए कहा कि किसी को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जिससे किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचे.
ममता ने कहा कि वो सनातन धर्म का सम्मान करती हैं.ममता बनर्जी ने कहा, ''मेरे मन में तमिलनाडु के लोगों को लेकर काफ़ी सम्मान है. लेकिन मेरी गुज़ारिश है कि हर धर्म की भावना अलग होती है. इंडिया सेक्युलर और लोकतांत्रिक देश है. मैं सनातन धर्म का सम्मान करती हूं. चर्च, मंदिर, मस्जिद जाती हूं. हमें ऐसी चीज़ों में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे किसी की भावना को ठेस पहुंचे.
वहीं इस मामले में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी सर्वधर्म सद्भाव में यक़ीन रखती है.वेणुगोपाल ने कहा, ''हम सर्वधर्म सम्भाव में विश्वास रखते हैं. कांग्रेस इसी विचारधारा में विश्वास रखती है, लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि हर राजनीतिक पार्टी के पास अपने विचार रखने की आज़ादी है. हम सभी की मान्यताओं का सम्मान करते हैं.कांग्रेस महासचिव भले ही ऐसा कह रहे हों मगर जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है वहां से अलग बयान आ रहे हैं.कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी उदयनिधि के बयान पर सहमति जताई.प्रियांक खड़गे ने कहा, ''ऐसा कोई धर्म जो बराबरी की बात ना करता हो, जो मानवता के सम्मान की बात ना करता हो, मेरे ख़्याल से वो बीमारी की तरह ही है.''