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बिहटा में बन रहे बस स्टैंड के विरोध में सड़क पर उतरे सैंकड़ों किसान, कहा- जान दे देंगे पर जमीन नहीं, सरकार बस स्टैंड को कहीं और ले जाए

बिहटा में बन रहे बस स्टैंड के विरोध में सड़क पर उतरे सैंकड़ों किसान, कहा- जान दे देंगे पर जमीन नहीं, सरकार बस स्टैंड को कहीं और ले जाए

पटना. बिहटा प्रखंड के कन्हौली गांव के किसानों ने कन्हौली में नए बस स्टैंड निर्माण को लेकर विरोध कर दिया है। किसानों का कहना है कि वह अपने उपजाऊ जमीन को किसी भी कीमत पर बस स्टैंड नहीं बनने देंगे। किसानों ने विरोध करते हुए कहा कि वह अपनी जान दे देंगे, लेकिन अपनी जमीन को बस स्टैंड के लिए सरकार को नहीं देंगे।

कन्हौली गांव के किसान अनील कुमार ने बताया कि सरकार की नजर हर वक्त गरीबों पर रहता है। सरकार जो जमीन बस स्टैंड बनाने के लिए अधिकरण कर रही है, वह सभी जमीन कृषि एवं उपजाऊ जमीन है। साथ ही गांव के कई घर को भी तोड़ा जा रहा है। अगर ऐसा रहा तो पूरा गांव खाली हो जाएगा और किसानों की स्थिति भुखमरी की तरह बन जाएगा। इसलिए जान दे देंगे, लेकिन अपनी जमीन नहीं देंगे। सरकार को बस स्टैंड यहां से कहीं और ले जाना होगा। अगर सरकार नहीं हमारी मांगें मानती हैं तो आने वाले समय में और बड़ा आंदोलन किया जाएगा। 

कन्हौली गांव के स्थानीय महिला सपना देवी एवं किरण देवी ने बताया कि सरकार केवल गरीबों को मारने का काम कर रही है। जमीन लेने से पहले किसानों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बात तक नहीं की और कृषि जमीन के साथ-साथ गांव के कई घर को भी तोड़ा जाएगा। यह कभी होने नहीं देंगे। कन्हौली मौजा के अलावा पास में, पैनाठी में भी काफी जमीन है, लेकिन वहां के जमीन सरकार नहीं ले रही है क्योंकि बिल्डर के द्वारा जमीन पहले से ही अधिग्रहण किया जा चुका है और कई स्मार्ट सिटी बन रहे हैं। इसलिए हमारी मांगे हैं कि सरकार जो 50 एकड़ जमीन कन्हौली मौजा से ले रही है, उसे वापस ले नहीं तो अपनी जान दे देंगे।

बताते चलें कि बिहटा कन्हौली मुख्य मार्ग पर कन्हौली के पास बिहार सरकार के एक नई बस स्टैंड बनाने की योजना है। नए बन रहे बस स्टैंड का स्थल बिहटा कन्हौली मार्ग पर होगा। इसके निर्माण से पश्चिम बिहार की ओर जाने वाले यात्रियों को इससे काफी सुविधाएं मिल सकेगी। इतना ही नहीं पटना के नए बस स्टैंड बैरिया जाने के लिए यात्रियों को समय के साथ साथ भाड़े का बोझ भी अधिक वाहन करना पड़ रहा था। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राजधानी पटना के बिहटा कन्हौली मुख्य मार्ग पर कन्हौली गांव के पास लगभग 25 एकड़ जमीन पर नए बस स्टैंड बनाने का प्रस्ताव की बात सामने आई है।

नए बस स्टैंड बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 17 नवंबर बुधवार को बिहटा के कन्हौली गांव पहुंचे थे। वहां पहुंचकर उन्होंने जिलाधिकारी पटना के साथ-साथ विभाग के कई अधिकारियों से इस संबंध में विचार विमर्श कर कन्हौली में ही बस स्टैंड बनाने का प्रस्ताव फाइनल कर दिया था। अंचल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन जगहों का स्थल निरीक्षण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को किया है, वहां के आसपास सरकारी जमीन लगभग नहीं है। बिहार सरकार नए बस स्टैंड बनाने के लिए किसानों के जमीन को टेक ओवर करने की योजना बना रही है । इसके लिए अंचल को जमीन का सर्वे करके रिपोर्ट सौंपने की बात कहीं गई है।

अंचल के एक अधिकारी ने बताया कि कन्हौली गांव में लगभग 50 एकड़ जमीन को मुख्यमंत्री को दिखलाया गया है और उन्हें अवगत कराया गया है। सरकार उन जमीनों पर अपना अधिग्रहण करेगी। सूत्र का मानना है कि बुधवार की दोपहर अचानक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने अधिकारियों के साथ कन्हौली गांव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कई स्थलों का निरीक्षण किया था। सूत्र बताते हैं कि पटना के कन्हौली में अगर बस स्टैंड बनती है तो पश्चिम दिशा के यात्रियों को जैसे औरंगाबाद, सासाराम, आरा, बक्सर सहित पश्चिम में बसे जगहों पर जाने के लिए उधर के लोगों को ज्यादा परेशानियां नहीं होगी।

इधर शुक्रवार को बिहटा के कन्हौली, पैनल, भगवतीपुर, पैनाती सहित कई गांव के किसान अचानक सड़क पर आकर नए बन रहे बस स्टैंड का जमकर विरोध किया। किसानों का कहना है कि धरती उनकी माता है। इसी जमीन की बदौलत वे अपनी उपज करके बच्चों का परवरिश करते हैं और जब वे इस खेत को ही सरकार के हाथों बेच देंगे तो उनके पास रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी। इसलिए किसानों ने काफी सोच समझकर गांव के बीच एक मीटिंग करके यह निर्णय लिया है कि नए बस स्टैंड के लिए जमीन सरकार को वह किसी कीमत पर नहीं देंगे।

इस मामले को लेकर बिहटा के अंचलाधिकारी कन्हैया लाल ने बताया कि अभी 1 दिन पहले कन्हौली गांव के लगभग 50 एकड़ जमीन की नापी अंचल के माध्यम से कराई गई है। लोगों द्वारा बस स्टैंड बनाए जाने के विरोध पर उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन है और किसान अपनी जमीन को सरकार को नहीं देना चाहते हैं। शायद इसीलिए वे लोग बस स्टैंड कन्हौली में ना बनाकर कहीं और बनाए जाने की बात कर रहे हैं।

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