NEWS4NATION DESK : अगर आप बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं वह सजा के तौर पर आपको वृद्धाश्रम में सेवा करनी पड़ सकती है। संशोधित मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद अगर कोई बार बार ट्रैफिक नियम तोड़ेगा तो उसको सुधारने के लिए सजा के तौर पर सामुदायिक सेवा का काम सौंपा जा सकता है। इसका कानून बन चुका है और सड़क परिवहन मंत्रालय नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
अब संबंधित ऑथरिटी और ट्रैफिक पुलिस भी नियमों की अनदेखी करने वालों को ऐसी सजा दे सकती है। बता दें कि देश में औसतन सालाना करीब आठ करोड़ चालान होते हैं। ज्यादातर वाहन चालक एक चलान के बाद ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं, लेकिन कुछ लोग इसके बाद भी ट्रैफिक नियमों के प्रति गंभीर नहीं होते।
बार-बार चालान के बाद भी सुधरने का नाम नहीं लेने वालों को सुधारने के लिए परिवहन मंत्रालय ने सामुदायिक सेवा का कानून बनाया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक इस कानून के पीछे उनका उद्देश्य लोगों को पढ़ाना नहीं बल्कि ट्रैफिक नियमों का पालन कराना है, लोगों की जान बचाना है। ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सामुदायिक सेवा का कानून बनाया गया है।
विवेकानंद की रिपोर्ट