बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

मरीजों को इलाज के लिए मना नहीं करें निजी अस्पताल, होगी कार्रवाई

मरीजों को इलाज के लिए मना नहीं करें निजी अस्पताल, होगी कार्रवाई

RANCHI : रविवार को रांची के उपायुक्त छवि रंजन की अध्यक्षता में प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. आयोजित बैठक में सभी निजी संचालकों से झारखण्ड सरकार के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए एसिम्प्टोमेटिक मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया गया. साथ ही सभी निजी अस्पताल संचालकों को कड़ाई के साथ यह कहा गया है कि वे किसी भी कीमत पर मरीजों को इलाज के लिए मना नहीं करेंगे. ताकि हर एक व्यक्ति को समुचित इलाज उपलब्ध करायी जा सके. 

उपायुक्त छवि ने कहा कि कोविड19 के जितने भी मामले रांची जिला में सामने आ रहे हैं. उनमें ज्यादातर मामले एसिम्प्टोमेटिक/माइल्ड सिम्पटम वाले मरीजों की है. चूंकि मरीजों की संख्या बढ़ी है और एसिम्प्टोमेटिक मरीजों के लिए आईसीयू/कोविड डेडिकेटेड अस्पताल में दाखिले की जरूरत नहीं है. ऐसे में प्राइवेट कोविड केयर सेंटर की मदद से लोगों को सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकती है.

किसी भी कीमत पर इलाज के लिए मना न करें

उपायुक्त छवि ने सभी निजी अस्पतालों को सख़्त लहजे में कहा कि कोविड मरीजों के अलावा आपके अस्पताल में रोजाना अलग-अलग समस्याओं के साथ लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में किसी भी मरीज का इलाज संदेह के आधार पर मना नहीं करें. अगर संदेह की स्थिति हो/सिम्पटम दिखाई दें तो उनकी जांच करवाएं. इसके अतिरिक्त अभी भलाई इसी में है कि हर एक मरीज का इलाज कोविड 19 से बचने के लिए जारी की गई आईसीएमआर एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए किया जाए. अगर इस तरह की शिकायत मिलती है कि किसी अस्पताल ने इलाज करने से मना किया है तो यह हमारे लिए एक शर्मनाक स्थिति है और ऐसे में हमें कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इस विपरीत परिस्थिति में हमें साथ मिलकर लोगों की सेवा करनी होगी.

कोविड संक्रमित मरीज की पुष्टि हो तो जिला प्रशासन को बताए बिना डिस्चार्ज नहीं 

बैठक में सभी निजी अस्पतालों से यह कहा गया है कि अगर किसी मरीज का सरकारी या निजी लैब से जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिलता है और आपके पास इलाज की सुविधा नहीं हो तो डिस्चार्ज करने से पहले इसकी जानकारी जिला प्रशासन को मिलनी चाहिए. जिला प्रशासन को बिना जानकारी दिए अगर किसी मरीज को डिस्चार्ज किया जाता है तो ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाएगी.

बैठक के अंत में कुछ अस्पतालों ने कोविड केयर सेंटर तैयार करने की प्रक्रिया में लगे होने की जानकारी दी, जिन्हें जल्द ही शुरू किया जा सकेगा. वहीं कुछ अस्पताल संचालकों ने किसी होटल या अन्य सुविधा के साथ टाई अप कर कोविड केयर सेंटर बनाने को लेकर सहमति दी है. 

रांची से मोईजुद्दीन की रिपोर्ट 



Suggested News