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अवैध संपत्ति छुपाने के खेल का खुलासा ! मद्ध निषेध के सब-इंस्पेक्टर ने 'हाउसिंग लोन' लिया पर 'हाउस-जमीन' छुपा लिया, अब खुली पोल

अवैध संपत्ति छुपाने के खेल का खुलासा ! मद्ध निषेध के सब-इंस्पेक्टर ने 'हाउसिंग लोन' लिया पर 'हाउस-जमीन' छुपा लिया, अब खुली पोल

PATNA:  नीतीश सरकार भ्रष्टाचार रोकने और सिस्टम को पारदर्शी बनाने को लेकर कई कदम उठाये हैं।बिहार में मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारियों और कर्मियों को हर साल संपत्ति की पूरी जानकारी देनी है,ताकि पारदर्शिता बनी रहे। अगर आपने संपत्ति अर्जित की और उसे छुपा लिया तो आपके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला बन सकता है। मुख्य सचिव ने कई दफे इस संबंध में सख्त आदेश दिये हैं। वैसे, दिखावे के लिए सरकार के आदेश का पालन भी किया जा रहा लेकिन उसमें भी बड़ा खेल किया जा रहा है। कई विभागों में ऐसे अधिकारी-कर्मी हैं जो संपत्ति को सार्वजनिक करने का काम कम, छिपाने का अधिक कर रहे।ऐसा ही एक मामला मोतिहारी में देखने को मिला है जहां मद्य निषेध के एक सब-इंस्पेक्टर ने हाउसिंग लोन का तो जानकारी दी लेकिन मकान-जमीन कहां है इसकी जानकारी छुपा ली। 

संपत्ति के ब्योरा में छुपाया जा रहा

मद्य निषेध विभाग में एक सब-इंस्पेक्टर ने संपत्ति का जो ब्योरा दिया है उसमें जानकारी कम और छुपाया अधिक है। मोतिहारी मद्ध निषेध का सब-इंस्पेक्टर मनीष सर्राफ मोतिहारी में पदस्थापित हैं। उन्होंने संपत्ति के ब्योरा में जो जानकारी साझा किया है उसमें हाउस लोन की जानकारी दी है लेकिन हाऊस को छिपा लिया है। यानि जिस जमीन पर मकान बनाने के लिए लोन लिया उसकी जानकारी नहीं दी है। आवासीय जमीन और व्यसायिक जमीन-मकान के कॉलम में दारोगा मनीष सर्राफ में NIL लिखा है। वहीं पत्नी के नाम पर भी कुछ भी नहीं है। मनीष सर्राफ और पत्नी के नाम पर अचल संपत्ति कुछ भी नहीं है। कॉलम का पांचो खाना बिल्कुल खाली है। जबकि लोन में हाउसिंग लोन का जिक्र किया है। मोतिहारी मद्ध निषेध के दारोगा मनीष सर्राफ ने मुजफ्फरपुर के सेंट्रल बैंक से 18,25,0000 रू का लोन लिया है। सबसे खास बात तो यह की सब-इंस्पेक्टर ने अपनी पत्नी का नाम भी जाहिर नहीं किया है।

सब-इंस्पेक्टर की खुली पोल तो गलती किया स्वीकार

सभी सरकारी विभाग के बड़े अधिकारियों ने संपत्ति का जो ब्योरा दिया है उसमें पूरी जानकारी दी है।लेकिन मद्ध निषेध के दारोगा ने संपत्ति के साथ-साथ पत्नी का नाम भी छुपा लिया। इस संबंध में जब सब-इंस्पेक्टर मनीष सर्राफ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हां गलती हुई है। आगे से जिस मकान के लिए लोन लिया है उसकी जानकारी दे दूंगा। उन्होंने स्वीकार किया कि मुजफ्फरपुर में मकान बनाये हैं लेकिन वो मां के नाम पर है। हमने जब पूछा कि जब संपत्ति आपके नाम पर नहीं तो फिर आपको बाउसिंग लोन कैसे मिला ?  इस पर उन्होंने कहा कि मकान इसी साल बनकर तैयार हुआ है । अगली दफे से इसकी जानकारी विभाग को दे दूंगा। 

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