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जानिए शुक्रवार को क्या है कामाख्या देवी के सिंदूर का महत्त्व

जानिए शुक्रवार को क्या है कामाख्या देवी के सिंदूर का महत्त्व

कामाख्या सिंदूर छोटे-छोटे पत्थर के रूप में पाया जाता, और यह कामाख्या मंदिर में मिलता है. कामख्या सिंदूर को कामिया सिंदूर भी कहा जाता है. यह सिंदूर केवल अम्बुबाची मेला के दौरान ही मिलता है. विवाहितों की लिए यह सिंदूर सुबह होता है, विवाहित महीना इसका इस्तेमाल मनोकामनाएं पूरा करने के लिए करतीं हैं.

इस सिंदूर को पाना इतना आसान नहीं है. इसके लिए 108 बार मंत्र जाप करना होता है तभी यह सिंदूर सिद्ध होता. इस सिंदूर की पूजा शुक्रवार को करने से काफी शुभ होता है. इस सिंदूर को चांदी की डिब्बी में रखकर मंत्र ‘कामाख्याये वरदे देवी नीलपावर्ता वासिनी! त्व देवी जगत माता योनिमुद्रे नमोस्तुते!! 108 बार जाप करना चाहिए.

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इसका जाप चुटकी में सिंदूर लेकर 11 या 7 बार शुक्रवार को शुरू कर सात दिनों तक करना चाहिए. मंत्र बोलते वक्त हथेली में गंगाजल, केसर, चंदन को मिलाकर माथे पर तिलक लगाना चाहिए. माथे पर तिलक लगते वक्त इस मन्त्र का उच्चारण करें- कामाख्याम कामसम्पन्ना कामेश्वरी हरप्रिया द्य....... कमाना देहि में नित्य कामेश्वरी नमोस्तुते द्यद्य.

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यह सिंदूर काफी पाक और पवित्र होता है और इससे घर परिवार में चल रही समस्या दूर हो जाती हैं. घर में प्रेम बना रहता और काम से जुड़ी मुसीबतें भी खत्म हो जाती है. यह सिंदूर जादू-टोना और बुरी शक्तियों को भी आपसे और आपके अपनों से दूर रखती हैं. आपको बता दें कि कामाख्या मंदिर एक शक्ति पीठ है, जो गोहाटी में है 

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