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औरंगाबाद में जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी धड़ल्ले से कर रहे अवैध वसूली, कर्मी के घुस लेने का वीडियो सोशल मीडिया में हुआ वायरल

औरंगाबाद में जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी धड़ल्ले से कर रहे अवैध वसूली, कर्मी के घुस लेने का वीडियो सोशल मीडिया में हुआ वायरल

AURAGABAD : भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाने की सपना देखने वाली सरकार के नुमाइंदे ही आज पूरी तरह से भ्रष्टाचार में संलिप्त देखे जा रहे हैं। दरअसल इन दिनों औरंगाबाद में एक वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमे यह साफ दिखाई दे रहा है की बिहार सरकार के एक कार्यरत कर्मचारी बड़ी सफाई के साथ जन्म प्रमाण पत्र बनाने के एवज में महिला से रुपए लेते हुए दिख रहे हैं।

हालांकि इस वायरल वीडियो की पुष्टि NEWS4NATION नहीं करता है। यह वीडियो कब की है। लेकिन सूत्रों को माने तो यह वीडियो औरंगाबाद के नवीनगर रेफरल अस्पताल की है। जहां पर एक जन्म प्रमाण पत्र बनाने हेतु महिला से ₹500 लेते हुए दिख रहे हैं। जब उनकी पहचान हेतु इस वायरल वीडियो का पड़ताल किया गया तो पता चला कि नबीनगर रेफरल अस्पताल में डाटा ऑपरेटर के पद पर सुधीर कुमार कार्यरत है। जिनके द्वारा एक महिला से जन्म प्रमाण पत्र बनाने हेतु यह रकम लिया जा रहा है।

हालांकि जब महिला से इस बिंदु पर चर्चा किया गया तो महिला ने इतना तो जरूर बताया की हां हमसे पैसा लिया गया है। लेकिन वह कौन थे। मैं उनको उनके नाम से नही जानती हूं। जब उनसे यह पूछा गया कि आपने आखिर पैसे क्यों दिया तो उन्होंने साफ शब्दों में बताया कि तकरीबन 4 महीना से जन्म प्रमाण पत्र हेतु हम हॉस्पिटल का चक्कर काट रहे थे। हॉस्पिटल में ही बातचीत के सिलसिले में एक आदमी ने बताया की जाइए और उन्हें कुछ पैसा दीजिए। वह तुरंत बनाकर दे देंगे। मैं जब जाकर उनसे पैसे की बात की और पैसा दिया तो हमें तुरंत बनाकर जन्म प्रमाण पत्र मिल गया।

अब इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जहां एक तरफ बिहार सरकार भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाने के संकल्प पर कार्य कर रही है। वहीं उनके कर्मी आज बिना पैसा के कुछ भी करने को तैयार नहीं है। अब यह देखना लाजमी होगा कि क्या इस वायरल वीडियो को लेकर जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों के ऊपर नकेल कसती है या फिर भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाने की संकल्प केवल कागज के पन्ने पर ही सिमट कर रह जाती है। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट

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