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बिहार में पंचायत, पुलिस और डॉक्टर ने न्याय व्यवस्था की उड़ाई धज्जियां, गांव के चार युवकों ने किया किशोरी से किया गैंगरेप, पंचायत ने कहा - दो हजार लो, भूल जाओ पूरी घटना

बिहार में पंचायत, पुलिस और डॉक्टर ने न्याय व्यवस्था की उड़ाई धज्जियां, गांव के चार युवकों ने किया किशोरी से किया गैंगरेप, पंचायत ने कहा - दो हजार लो, भूल जाओ पूरी घटना

DARBHANGA : बिहार में एक तरफ नीतीश कुमार सरकार महिलाओं की सुरक्षा की दावे करती है। वहीं दरभंगा जिले में 13 साल की बच्ची से गैंगरेप की घटना में पंचायत ने न्याय व्यवस्था की पूरी धज्जियां उड़ा दी है। यहां आरोपियों को जेल भेजने की जगह गांव की दबंगों के दबाव में पंचायत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पीड़िता 2000  हजार रुपया लेकर मामला यहीं खत्म करे। तब पीड़िता की मां ने थाना में आवेदन देकर चार लोगों नामजद आरोपी बनाया है।

यह घटना तीन अगस्त की बताई जा रही है। थाना में दिए आवेदन में पीड़िता की मां ने कहा कि घटना की रात मो नदीम सहित चार लोगों ने मेरी बेटी जबरन घर से उठाकर ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करते रहे और तीन दिनों तक मेरी पुत्री को बंधक बनाए रखा। 

पुलिस ने नहीं की मदद

पीड़िता की मां ने बताया कि उस समय पुलिस को सूचित कर मदद मांगी, लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी। किसी तरीके से जब तीन दिनों बाद आरोपियो की चंगुल मेरी बेटी मुक्त हुई तो उसे स्थानीय पीएचसी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। 

डॉक्टर ने कहा घटना की फुटेज दिखाओ

वहां इलाज करने वाले डॉक्टर बसन्त कुमार झा ने पहले घटना का सीडीटीवी फुटेज दिखाने को कहा। इस बात को परिजन और डॉक्टर के बीच नोक झोंक होने लगी। इसके बाद नींद से तीन दिनों बाद जागी बड़गांव थाना की पुलिस ने पीड़िता को आनन फानन में इलाज के लिए डीएमसीएच में भर्ती करवाया है।

इस फैसले से असंतुष्ट पीड़िता अपनी मां के साथ महिला थाना पहुंची लेकिन उस दिन पुलिस ने दोनों मां -बेटी को थाना से लौटा दिया। तब परिजनों ने 7अगस्त को बड़गांव थाना में मो नदीम सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। अब यह घटना इस इलाके के लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि यह घटना 3 अगस्त की है, जबकि इसके लिए 4 अगस्त को पंचायत बुलाई गई।

उसके बाद पंचायत के गलत निर्णय के बाद 7 अगस्त को चार लोगों के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई। फिर पुलिस ने लापरवाही करते हुए 9 अगस्त को पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए डीएमसीएच भेजा, जहां डॉक्टर की मनमानी के कारण मेडिकल जांच में चार दिन लगने के बाद 12 अगस्त को पीड़िता का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराया गया।

अब मिल रही है धमकी 

पीड़िता के माता-पिता का कहना है कि आरोपित काफी रसूखदार हैं। वे हम लोगों पर लड़की का बयान बदलवाने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। वे लोग अंजाम भुगतने की धमकी भी दे रहे हैं। वहीं, गांव के लोग इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। 

एसएसपी ने माना पुलिस ने की है लापरवाही, होगी कार्रवाई 

इस संबंध में थानाध्यक्ष कल्पना कुमारी ने बताया कि पीड़िता की मां के आवेदन पर मो नदीम सहित चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। वही पीड़िता का इलाज डीएमसीएच में चल रहा है। 

वहीं एसएसपी जगुनाथ रेड्डीका कहना है कि यह मामला में संज्ञान में नही था। पीड़िता के अल्ट्रासाउंडमें  हुई देरी के लिए जमालपुर थाने की पुलिस की लापरवाही सामने आई है। इस मामले की जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी।  


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