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मोतिहारी में गरीबों की दो जून की रोटी छीनने में जुटे पीडीएस डीलर व अधिकारी, कई प्रखंडों में उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा गेहूं

मोतिहारी में गरीबों की दो जून की रोटी छीनने में जुटे पीडीएस डीलर व अधिकारी, कई प्रखंडों में उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा गेहूं

मोतिहारी. गरीबों के निवाला पर पीडीएस डीलर व अधिकारियों की नजर लग गयी है। पीडीएस डीलर व अधिकारी के मिलीभगत से उपभोक्ताओं को मिलने वाला गेहूं कालाबजारी की भेट चढ़ रहा है।सरकार के निर्देश पर पीडीएस दुकान से उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट चार किलो चावल व एक किलो गेहूं देना है। लेकिन अधिकारियों व पीडीएस डीलर के मिलीभगत उपभोक्ताओं को सिर्फ चावल देकर उसके हक़ के निवाला के गेहूं को कालाबजारी कर दिया जा रहा है। शिकायत मिलने पर जांच के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति किया जा रहा है।

सूत्रों की माने तो अधिकारियों को पीडीएस दुकानदार द्वारा कमीशन के तर्ज पर 40 से 50 रुपये प्रति किविंटल कमीशन की राशि पहुंचाकर धड़ल्ले से करोबार किया जा रहा है। अधिकारी व पीडीएस डीलर कमीशन के खेल में गरीबों के हाथ से दो जून की रोटी  छीन रहे हैं। जिला के बंजरिया, सुगौली, ढाका, सहित कई कई प्रखंडो में उपभोक्तओं को गेहूं के बदले चावल देकर उसके हक की गेहूं की कालाबजारी का खेल चल रहा है। सूक्ष्म तरीके से वरीय पदाधिकारी के नेतृत्व जांच कराया जाय तो भारी गड़बड़ी से इनकार नहीं किया जा सकता।

मोतिहारी में गरीबों के निवाला पर अधिकारियों व पीडीएस डीलर की नजर लग गयी है। गरीबों को पीडीएस दुकान से मिलने वाला गेहूं उपभोक्ताओं को नहीं मिलकर कालाबजारी का भेट चढ़ जा रहा है। गेहूं कालाबजारी की भेट चढ़ने के कारण उपभोक्ताओं को दो रोटी के लिए बाजार से 40 से 45 रुपया प्रति किलो अट्टा खरीदना पड़ रहा है। वहीं गेंहू की कालाबजारी कर पीडीएस डीलर व अधिकारी मालामाल हो रहे हैं। उपभोक्ताओं के गेहूं नहीं मिलने की शिकायत के बाद भी अधिकारी जांच के नाम पर फाइल को दबाने में जुटे हैं।

जिला के कुछ प्रखंडों को छोड़ दिया जाय तो अधिकांश प्रखंड में पीडीएस दुकान से गेहूं के बदले उपभोक्ताओं को चावल देने का खेल चल रहा है। अगर निष्पक्ष रूप से जांच करा दिया जाय तो भारी गड़बड़ी से इनकार नहीं किया जा सकता। अधिकांश प्रखंडों में अधिकारी के नाम पर दलाल के द्वारा मोटी रकम की वसूली का भी खेल चलने की चर्चा जोड़ो पर है। अधिकारी के कमीशन के नाम पर पीडीएस डीलर उपभोक्ताओं को कम वजन व अधिक दर से राशन देने में थोड़ा भी नहीं हिचकते हैं। अगर चावल के बदले गेहूं देने की जांच कराया जाय तो भारी गड़बड़ी से इंकार नहीं किया जा सकता।

मोतिहारी डीएसओ पीके झा ने बताया कि पिछले माह गेहूं के बदले चावल वितरण करने की शिकायत मिली थी। जिसकी जांच कराकर दोषी पीडीएस दुकानदार पर करवाई की गयी थी। अभी इस प्रकार की शिकायत अभी नही मिली है। उपभोक्ताओ को गेहूं के बदले चावल देना गंभीर बात है। जांच में दोषी पाए जाने वाले पीडीएस डीलर पर कड़ी करवाई की जाएगी।


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