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66वीं BPSC में चाणक्य आईएएस एकेडमी के चयनित विद्यार्थियों का सम्‍मान समारोह, निदेशक एके मिश्रा बोले- सतत प्रयास और युक्तिसंगत समय प्रबंधन से मिलेगी सफलता

66वीं BPSC में चाणक्य आईएएस एकेडमी के चयनित विद्यार्थियों का सम्‍मान समारोह, निदेशक एके मिश्रा बोले- सतत प्रयास और युक्तिसंगत समय प्रबंधन से मिलेगी सफलता

पटना. सतत प्रयास और युक्तिसंगत समय प्रबंधन सफलता को निर्धारित करता है अगर किसी भी व्यक्ति को यदि ये साधन उपलब्ध है तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं हो सकता I यदि किसी व्यक्ति को  ये साधन उपलब्ध है और अगर उसने उसका सही उपयोग किया है तो उसके लिए इस ब्रहमांड में कोई भी लक्ष्य हासिल करना असंभव नहीं है I क्योंकि मनुष्य के दिमाग से बड़ी अखिल ब्राह्मांड में कोई चीज नहीं है I अपनी आवश्यकता अनुसार मनुष्य में ये क्षमता है कि वो अपने अपेक्षित निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने दिमाग को उसी अनुकूल रिप्रोग्राम करके अपेक्षित लक्ष्य को हासिल कर सके I यह बातें चाणक्य आईएएस एकेडमी के संस्थापक निदेशक और 'सक्सेस गुरु' के नाम से प्रख्यात एके मिश्रा ने रविवार को बिहार लोक सेवा आयोग में सफल हुए छात्रो से खचाखच भरे पटना के रविन्‍द्र भवन में “आर्ट आफ सक्सेस सेमीनार” को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा की मनुष्य अपनी आंतरिक शक्तियों को उजागर कर बड़ी से बड़ी कामयाबी हासिल कर सकता है। छात्रों को सतत मेहनत करने की सलाह देते हुए एके मिश्रा ने कहा कि आप सभी में कुछ कर गुजरने की अपार शक्ति है, सिर्फ आप अपने विवेक का उचित मार्गदर्शन में सटीक इस्तेमाल करें।

एके मिश्रा ने आगे कहा, चुकी अविभाजित बिहार मेरी जन्म भूमि रही है। अत: बिहार और झारखंड के प्रति मेरा अत्याधिक लगाव है I मैं इस देश समेत विदेशों में अनेक स्थानों पर हमेशा सेमीनार को संबोधित करता रहता हू, परन्तु जो ख़ुशी मुझे बिहार झारखंड आकर मिलती है वो और कही नहीं मिलती है। देश-विदेशों में पाये गये सम्मान तब तक ग्राह्य नहीं होते है, जब तक कि आप अपने घर और राज्य में सम्मान नहीं पाते है। तभी व्यक्ति सफल होता है। आपका मेरे प्रति लगाव और उत्साह इस बात का द्योतक है। मेरी यह इच्छा रही है कि बिहार और झारखण्ड से ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को मैं सिविल सेवा में चयन के लिए प्रेरित कर सकूं, जिससे ये राज्य अपने पुराने स्वर्णिम गौरव को पुन: हासिल कर सके I

इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथी अवधेश नारायण सिंह (सभापति, बिहार विधान परिषद) ने चाणक्य आईएएस एकेडमी तथा सक्सेस गुरु को सिविल सेवा परीक्षा में बिहार के रिजल्ट को सुधारने की दिशा में किये गये प्रयासों की सरहाना की I उन्होंने ने कहा कि 2010 के पाठ्यक्रम परिवर्तन के परिणाम स्वरूप बिहार के रिजल्ट में जो गिरावट आई थी वो धीरे-धीरे करके सुधरती जा रही है। ये ख़ुशी की बात है कि बिहार से सिविल सेवा परीक्षा में रिजल्ट निरंतर अच्छा होता जा रहा है। इसके लिए मैं चाणक्य आईएएस एकेडमी एवं A. K. MISHRA को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने लगातार सेमिनारों को आयोजित करके विद्यार्थियों को ना केवल प्रेरित किया, बल्कि उचित मार्गदर्शन भी तैयारी के प्रारंभिक स्तर पर दियाI बिहार के विद्यार्थियों को अनेक प्रकार की छात्रवृति देकर जो इन्होंने प्रयास किया है, वो बिहार के विद्यार्थियों के लिए लाभदायक हैI उन्होंने ने उपस्थित विद्यार्थियों को UPSC के रिजल्ट में बिहार के स्वर्णिम इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि मैं सभी उपस्थित विद्यार्थियों से आशा करता हूं कि वे ना केवल बिहार के पुराने गौरव को पुन :लौटाएंगे बल्कि उससे भी आगे बढ़ाएगेI

सेमिनार में उपस्थित 66वीं BPSC में परीक्षा में चाणक्य से चयनित विद्यार्थी भी उपस्थित थे, जिन्हें मुख्य अतिथी अवधेश नारायण सिंह (सभापति, बिहार विधान परिषद) एवं चाणक्य आईएएस एकेडमी के संस्थापक निदेशक सक्सेस गुरु एके मिश्रा ने चयनित विधार्थीयों के अभिभावकों के साथ मेमोंटो देकर सम्मानित किया एवं कहा कि इन चयनित विद्यार्थियों के चयन में उनके अभिभावकों का सबसे बड़ा योगदान है। 66वीं BPSC चयनित विद्यार्थियों ने रविन्‍द्र भवन में उपस्थित विद्यार्थियों को अपने सफलता में पाये अनुभवों को साझा कर उनकी भावी जीवन के सफलता के लिए सिविल सेवा परीक्षा की बारीकियों को समझाकर उनका व्यापक पैमाने पर मार्गदर्शन किया I इससे सभागार में उपस्थित हजारों छात्रों में व्यापक उत्साह देखने को मिलाI इस कार्क्रम में सक्सेस गुरु एके मिश्रा के साथ कुछ वरिष्ठतम रिटार्यड नौकरशाह भी समारोह में उपस्थित थेI इन्होंने अपने जीवन के अनुभवों से उपस्थित विद्यार्थियों को व्यापक पैमाने पर तैयारी की रणनीतियों एवं प्राशसनिक कौशल के बिंदुओं पर व्यापक पैमाने पर मार्गदर्शन दियाI


इसके पूर्व डॉ. कृष्णा सिंह ने अपने स्वागत भाषण में एकेडमी के इतिहास तथा उसके स्वर्णिम उपलब्धियों को बताया। इन्होंने बताया कि चाणक्य आइएएस एकेडमी से इस वर्ष UPSC में रिजल्ट काफी अच्छा रहा है। एकेडमी के विभिन्न सेंटरों से लगभग 200 से अधिक विद्यार्थी सफल रहे हैं। उन्होंने बताया कि चाणक्य आईएस एकेडमी की स्थापना सक्सेस गुरु एके मिश्रा ने सन 1993 में दिल्ली में की थी। आज इस संस्था के लगभग 28 सेंटर है। दिल्ली में इसका मुख्यालय है, जो सत्य निकेतन में स्थित है। साथ ही दिल्ली में एक अन्य शाखा आऊट्रम लाइन दिल्ली और राजेन्द्र प्लेस दिल्ली में है। इसके अलावा पटना, हजारीबाग, रांची, धनबाद, गुवहाटी, अहमदाबाद, पुणे, चंडीगढ़, जयपुर, जम्मु और कश्मीर आदि इसकी शाखाएं है। लगभग 29 वर्षों में इस संस्था ने इस देश को लगभग 5000 IAS, IPS तथा अन्य सिविल सेवाओं में चयनित विद्यार्थियों देश को दिया है। चाणक्य IAS एकेडमी ने 4 वर्ष से BPSC की तैयारी भी शरू की है। इसका रिजल्ट भी काफी बढ़िया आया हैI हाल में आये 64वीं और 65वीं BPSC के अंतिम परिणाम में  कुल 200 से अधिक विद्यार्थियों का चयन चाणक्य IAS एकेडमी के पटना सेंटर से हुआ है एवं 66वीं BPSC में 138 छात्रों का चयन हुआ है।

डॉ. कृष्ण सिंह ने आगे बताया कि सक्सेस गुरु एके मिश्रा का जन्म अविभाजित बिहार के हजारीबाग जिले में स्थित बड़कागांव ब्लॉक के लंगातु गावं में हुआ थ। इनके पिता स्वर्गीय विशवेश्वर नाथ मिश्रा भी शिक्षा जगत से जुड़े थे। इन्हीं के प्रयास से बड़का गांव हाई स्कूल की स्थापना हुई थी। यहां से ये प्रधानाध्यापक के पद से रिटायर हुए सक्सेस गुरु की प्रारंभिक शिक्षा-दिक्षा अध्यापक पिता के मार्गदर्शन में हुई। तदोपरान्त सक्सेस गुरु ने संत कोलम्बस कॉलेज से अंग्रेजी विषय से प्रतिष्ठा प्राप्त की। इसके बाद ये अग्रतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिल्ली चले गये। इसी दौरान इन्होंने सन 1993 में चाणक्य आईएस एकेडमी की स्थापना की और लगातार इनके मार्गदर्शन में चाणक्य आईएस एकेडमी ने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किया।

चाणक्य आईएस एकेडमी आज देश की सर्व प्रतिष्ठित संस्था है, जो विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करके ना केवल उन्हें सिविल सेवा में चयनित कराने में सहयाता प्रदान करती है, बल्कि भविष्य के नौकरशाहों को अपने शिक्षण मार्गदर्शन से व्यापक पैमाने पर नैतिक एवं प्रशासनिक कौशल भी प्रदान करती है। इससे वे अपने कार्यों को सुगमता से कर सके। चाणक्य आईएस एकेडमी वैसे दूरदराज के छात्र, जिनकी पहुंच सीधे तौर पर एकेडमी तक नहीं होती है, उनके लिए दूरस्थ शिक्षा का भी प्रबंध करती है।

  • पढाई के लिए पुर्णत: Ac क्लास रूम एवं लाइब्रेरी
  • रहने के लिए होस्टल की सुविधा
  • मार्गदर्शन के लिए ट्रेंड शिक्षकों के साथ -साथ चयनित विद्यार्थियों से क्लास की सुविधा
  • सक्सेस गुरु का सेमीनार
  • Current Affaris के लिए मासिक पत्रिका आदि की सुविधा प्रदान करता है

मूल रूप से अभिवाजित  बिहार के रहने बाले सक्सेस गुरु का सदेव से अपने मातृभूमि से विशेष लगाव रहा है। इसी कारण से इनका बिहार, झारखण्ड के प्रति व्यापक ध्यान रहा है। बिहार झारखंड के रिजल्ट में आ रही गिरावट को देखते हुए सक्सेस गुरु ने बिहार में लगातार सेमीनार किया, जिसमें छात्रों को प्रेरित करने की कोशिश की गई की वें अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके। इसी परिदृश्य में 2013 में पटना में चाणक्य आईएस एकेडमी की स्थापना की गई और साथ ही सक्सेस गुरु के मार्गदर्शन में व्यापक पैमाने पर सेंटर हेड डॉ. कृष्णा सिंह के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें सिविल सेवा से संबधित भ्रांतियों को दूर करके सिविल सेवा के प्रती स्पष्ट दृष्टिकोण विद्यार्थियों में विकसित करने की कोशिश की गई। वस्तुतः बिहार तथा झारखंड में सक्सेस गुरु के मार्गदर्शन में एक अभियान के रूप में व्यापक पैमाने पर विद्यार्थियों को मार्गदर्शित किया जा रहा है, ताकि ये राज्य अपने पुराने स्वर्णिम उपलब्धियों को पुन: प्राप्त कर सके अपनी जन्म भूमि राज्य के प्रति अत्याधिक लगाव के कारण ही सक्सेस गुरु ने यहां व्यापक पैमाने पर रियायते भी दे रखी है 2013 में स्थापना के बाद से पटना सेंटर ने  अनेक मेधावी विद्यार्थियों को विभिन्न श्रेणियों में शत प्रतिशत तक स्कॉलरशिप भी दिया है।

पटना सेंटर में पढ़ने वाले लगभग प्रत्येक विद्यार्थियों को उनके मेधा के अनुरूप कुछ ना कुछ प्रतिशत स्कॉलरशिप दिया गया है। इस वर्ष भी सक्सेस गुरु 2  करोड़ के स्कॉलरशिप की घोषणा की है, जो विद्यार्थियों को उनके मेधा के अनुकूल विभिन्न श्रेणियों में छात्रवृति परिक्षा के माध्यम से दिया जाएगा। संस्था ने कई विकलांग विद्यार्थियों को भी उनके योग्यता के अनुसार प्रोत्साहन दिया है। इस प्रकार से सक्सेस गुरु ने व्यापक पैमाने पर अपने समाजिक दायित्वों का निर्वाहन करने की कोशिश की है। सक्सेस गुरु का यह सपना है कि वे बिहार झारखंड को सिविल सेवा परिक्षा में पुन: एक बार प्रथम स्थान को प्राप्त करा सके और उसके लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं।

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