पुलिस की मौजूदगी में ओवरलोड वाहनों से ढुलाई, रात के वक्त अवैध बालू लदे वाहनों से जाम रहता है एनएच से लेकर एसएच

DEHRI ON SONE : रात होते ही सडकों पर ओवरलोडेड बालू लदे ट्रकों का परिचालन धड़ल्ले से शुरू हो जाता है। हाइवे पर जगह-जगह पुलिस की तैनाती है। इसके बाद भी सुरक्षित ओवरलोडेड वाहनों का गुजरना कई सवाल खड़े करता है। सूत्रों की मानें तो धन लक्ष्मी की बदौलत इन बालू तस्करों पर रात के वक्त अधिकारियों व पुलिसकर्मियों की विशेष कृपा बरसती है, जो हर अवैध बालू लदे वाहन को वैध करार देने के लिए पर्याप्त है। कार्रवाई से दूर खनन व परिवहन के गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए सैकड़ों ओवरलोडेड वाहन सड़क पर फर्राटा भरते नजर आए।
लाइनरों की निगरानी में गुजरते दिखे ओवरलोडेड वाहन
पड़ताल के क्रम में औरंगाबाद जिले के बारुण थाना क्षेत्र के केशव बालू घाट से निकलने वाले ओवरलोडेड बालू लदे ट्रक औरंगाबाद डेहरी पुल से होते हुए डेहरी के पाली पुल के रास्ते एनएच दो पर पहुंच रहे थे। इस क्रम में निर्धारित संख्या में कुछ वाहनों के आगे व पीछे लाइनर गाड़ियों का परिचालन की व्यवस्था दुरुस्त कराते दिखे। यहां से ये गाड़ियां औरंगाबाद से डेहरी सासाराम से होते हुए वाराणसी के लिए निकलते हैं। लाइनर ही इन अवैध बालू लदे वाहनों को उत्तर प्रदेश की सीमा तक बिना किसी बाधा के पहुंचाने की जिम्मेदारी लाइनरों के ऊपर होती है। खनन विभाग का सख्त निर्देश है कि बालू लदे वाहनों से सड़क पर पानी बिलकुल नहीं टपकना चाहिए, लेकिन रात में अवैध परिवहन की जल्दबाजी में सीधे नदी से बालू को निकाल वाहनों पर लोड कर दिया जाता है। इस वजह से बालू लदे वाहनों से रात के वक्त पूरे रास्ते में पानी टपकता रहता है।
बिना नंबर प्लेट के बालू लदे वाहन भी होते है पार
रात के वक्त घाटों से निकलने वाले ओवरलोड बालू लदे अधिकांश ट्रकों पर नंबर प्लेट नदारद दिखा। जबकि खनन विभाग के मुताबिक घाट से बालू लेकर निकलने वाले वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगा होना चाहिए। हैरत की बात यह कि ये बिना नंबर प्लेट वाले वाहन टोल प्लाजा पर भी सरकारी राजस्व को चूना लगाते हुए आसानी से पार हो जाते हैं। नंबर प्लेट नहीं होने की वजह से इन वाहनों से ओवरलोडिंग का शुल्क वसूली नहीं हो पाता है और ना ही ये टोल के रिकार्ड में अंकित हो पाता है। परिवहन विभाग भी ऐसे वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं करता, जबकि बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों पर विभाग द्वारा भारी- भरकम जुर्माने का प्राविधान है। इन गाड़ियों को पास कराने के लिए बंधा बंधाया एंट्री का रकम विभाग के अधिकारियों तक पहुंच जाता है। पैसा मिलते ही जिम्मेदार संबंधित विभाग के अधिकारी अपनी आंख मूंद लूट की छूट दे देते हैं।