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दुष्कर्म मामले में बेटे को बचाने के चक्कर में मां भी फंसी, कार्ट के आदेश के बाद दर्ज हुआ मुकदमा

दुष्कर्म मामले में बेटे को बचाने के चक्कर में मां भी फंसी, कार्ट के आदेश के बाद दर्ज हुआ मुकदमा

नवादा. किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी आनन्द कुमार त्रिपाठी के आदेश पर लिपिक संतोष कुमार ने परिवाद दायर किया है। भा.द.वि. की धारा 193 एवं 199 के तहत दायर परिवाद में रजौली थाना क्षेत्र के गरीबा गांव निवासी मीना देवी को अभियुक्त बनाया गया है। मामला रजौली थाना कांड संख्या-249/12 से जुड़ा है। 

बताया जाता है कि गरीबा गांव निवासी रविन्द्र कुमार ने शादी का झुठा प्रलोभन देकर एक युवती के साथ दुष्कर्म किया था। पैदा हुए नवजात शिशु का गला घोट दिया था। तब पीड़िता के द्वारा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें रविन्द्र कुमार के अलाव महेन्द्र प्रसाद, मीना देवी व पुनम देवी को आरोपित बनाया गया था। घटना के 10 साल के बाद आरोपित रविन्द्र कुमार ने अदालत में समर्पण किया था।

इसका विचारण प्रथम अपर न्यायाधीश की अदालत में किया जा रहा है। प्रथम अपर न्यायाधीश ने आरोपित रविन्द्र कुमार की जमानत अर्जी को अस्वीकार कर दिया था। तब उसने शादी किये जाने का दावा करते हुए झुठा शादी का कार्ड दाखिल कर उच्च न्यायालय से जमानत लेने का प्रयास किया। उच्च न्यायाल ने जमानत देने से इनकार करते हुए निचली अदालत को कार्रवाई करने का आदेश पारित कर दिया। उच्च न्यायालय को धोखा देने में असफल रहने पर आरोपित ने पुनः अपने को किशोर बताते हुए विद्यालय स्थानांतरण प्रमाणपत्र दाखिल किया, जिसकी जांच किशोर न्यायालय के प्रधान दंडाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से कराया।

उक्त प्रमाणपत्र भी फर्जी निकला। तब प्रधान दंडाधिकारी के आदेश पर आरोपित की माता के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद दायर किया गया है। बताया गया कि मां की ओर से ही बेटे को नाबालिग बताया गया था और कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया गया था।


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