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बिहार के इस मंदिर में दीवाली के दिन कैदियों की बनाई माला से शुरु होती है मां काली की पूजा, जानिए क्यों.....

बिहार के इस मंदिर में दीवाली के दिन कैदियों की बनाई माला से शुरु होती है मां काली की पूजा, जानिए क्यों.....

NEWS4NATION DESK : आज दीपावली है। वहीं पावन त्योहार के मौके पर बिहार और बंगाल में मां काली की पूजा का भी विधान है। बिहार और बंगाल में दीपावली के मौके पर लक्ष्मी-गणेश के साथ मां काली पूजा (Kali Puja) का भी आयोजन किया जाता है।

कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को यह पूजा पारंपरिक रूप से की जाती है। 

आज हम आपको बिहार के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां दीवाली के दिन मां काली की पूजा का अनोखा विधान है। जहां पूजा की शुरुआत कैदियों द्वारा बनाई जा रही है माला से शुरु होती है। यह मंदिर है बिहार के अररिया (Arariya) जिले में स्थित मां खड्गेश्वरी मंदिर। 

अररिया में स्थित मां खड्गेश्वरी मंदिर पूर्वी बिहार के कुछ मशहूर मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में दीवाली के दिन होने वाली मां काली की पूजा की एक अनोखी परंपरा है। पूजा की शुरुआत जेल के कैदियों द्वारा बनाई गई माला से शुरु होती है। मंदिर के पुजारी की माने तो अररिया जेल के कैदी वर्षों से मां काली के लिए फूलों की माला गूंथते रहे हैं। परंपरा है कि कैदियों की बनाई माला से ही माता की पूजा शुरू की जाती रही है। मंदिर में सही समय पर यह फूलों की माला पहुंच जाए, इसके लिए एक सिपाही की भी ड्यूटी लगाई जाती है। इसबार भी ऐसा हुआ है। 

मां खड्गेश्वरी मंदिर में कैदियों की बनाई फूलों की माला से देवी काली की पूजा शुरू होने की परंपरा की कहानी भी बड़ी रोचक है। मंदिर के पुजारी अनुसार एक बार अररिया जेल में तैनात वरिष्ठ अधिकारी को मां काली का सपना आया। इसके बाद से ही मंदिर में कैदियों की बनाई माला से पूजा शुरू करने की परंपरा आरंभ हुई। उन्होंने बताया कि पिछले 40 साल से इस मंदिर में यह परंपरा निभाई जा रही है.

ऐसा नहीं है कि मां काली की पूजा के लिए फूलों की माला बनाना अररिया जेल के कैदियों की ड्यूटी है, बल्कि इन कैदियों की इस मंदिर और मां काली के प्रति आस्था इतनी गहरी है कि वे नियमित रूप से यह काम करते हैं। 

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