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बिहार विधानसभा में आंकड़ा किसके पक्ष में,लालू भी हो हुए तैयार लेकिन कैसे बनाएंगे सरकार,नीतीश के पक्ष में कितने खड़े...जान लीजिए

बिहार विधानसभा में आंकड़ा किसके पक्ष में,लालू भी हो हुए तैयार लेकिन कैसे बनाएंगे सरकार,नीतीश के पक्ष में कितने खड़े...जान लीजिए

पटना- बिहार का राजनीतिक पारा लगातार बढ़ रहा है तो इसका कारण हैं जदयू और राजद के रिश्ते का टूटने की स्थिति में पहुंच जाना .  सवाल है कि नीतीश का अगला कदम क्या होगा, क्या नीतीश आज, कल या परसों इस्तीफा देंगे या केवल अफवाहों का बाजार है ये सब.क्या नीतीश कुमार फिर पलटी मारेंगे? इस तमाम अटबाजियों के पीछे कारण है.पिछले कुछ दिनों में बिहार में काफी कुछ बदल गया है. अचानक से नीतीश-लालू की दोस्ती में दरार दिख रही है, जदयू और राजद में दिल नहीं मिल रहे हैं, इंडी गठबंधन में भी विवाद बढ़ सा गया है.  कुछ दिन पहले हीं राजद कोटे के मंत्रियों के विभागों में  परिवर्तन कर नीतीश के सामने झुके राजद सुप्रीमो लालू यादव ने भी अब कमर कस लिया है. राजद विहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है.  नीतीश के एनडीए में शामिल होने के बहुतेरे संकेत मिल रहे हैं. तो लालू ने भी नीतीश को करारा जवाब देने का मन बना लिया है. लालू ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी को मसौढ़ी की सभा से जल्दी लौटने का निर्देश दिया. तेजस्वी आनन फानन में राबड़ी आवास अपने पिता लालू से मिलने पहुंचे हैं. 

लालू इस बार नीतीश को बख्सने को तैयार नहीं हैं वे भी दावा कर रहे हैं कि बहुमत का जादुई आंकड़ा उनके पास है. वैसे भी नीतीश अगर 45 विधायक के साथ अलग होते हैं तो राजद को विधानसभा में जादुई आंकड़ा के लिए आठ विधायक चाहिए. राजद के अपने विधायक 79 हैं वहीं कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 के साथ एआईएमआईएम के एक विधायक का उसे समर्थन प्राप्त है.ऐसे में राजद को 115 विधायक का समर्थन प्राप्त है.ऐसे में उन्हें सात विधायकों की जरुरत है. 

एनडीए के पास भाजपा के 78 विधायकों के साथ हम के चार, जदयू के 45 के साथ एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त होना बताया जा रहा है.ये कुल संख्या है 128. ऐसे में एनडीए के पास जादुई आंकड़े से छह विधायक  ज्यादा है.

कई मुद्दों पर राजद का जदयू से विवाद रहा. सरकार बनने के बाद हीं तत्कालीन कृषि मंत्री सुधाकर सिंह नीतीश के खिलाफ बयान देते रहे. उन्हें सरकार से हटना पड़ा फिर भी वे मुखर रहे विरोध में. नौकरियों का श्रेय लेने में भी  लालू की पार्टी के मंत्रियों के तेवर नीतीश कुमार को खटकने लगे. चंद्रशेखर के धार्मिक विवाद ने भी तल्खी बढ़ाई.  मौजूदा सरकार में शामिल दो मंत्रियों आलोक कुमार मेहता और चंद्रशेखर यादव के तेवरों को नीतीश कुमार नापसंद कर रहे थे.

 बहरहाल बिहार की राजनीति में 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं. देखना होगा कब तक खेला होता है .


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