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महत्वाकांक्षा से भरी हुई हैं इंडी गठबंधन की पार्टियां, नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट बनाने का मनोज तिवारी ने किया समर्थन

महत्वाकांक्षा से भरी हुई हैं इंडी गठबंधन की पार्टियां, नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट बनाने का मनोज तिवारी ने किया समर्थन

PATNA : भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने इंडिया गठबंधन की आज होने वाली बैठक पर  कहा कि यह लोग अपने मन की मिठाई खाने में लगे हैं। यह लोग बैठक तो जरूर करते हैं। लेकिन इसमें किसी का ना तो नीति मिलता है ना ही दिल मिलता है अभी उद्धव ठाकरे ने कहा कि घोड़े तो है लेकिन सारथी नहीं है। नीतीश कुमार का अलग पोस्ट लगता है। तेजस्वी जी की अलग महत्वाकांक्षा है। जितने लोग हैं सब प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। वह अकेले-अकेले केक खाना चाहते हैं। वह कौन सा केक है जो अकेले-अकेले खाना चाहते हैंष आप सरकार बनना चाहते हैं कि केक खाना चाहते हैं।

 वहीं उन्होंने तंज करते हुए कहा कि वह केक जो रांची में कांग्रेस सांसद के घर 500 करोड़ का केक निकला। गरीब आदमी को जो सुविधा देना पड़ती है। उसमें नरेंद्र मोदी को आना पड़ता है वह चाहे फ्री इलाज हो या फ्री अनाज हो गया। वहीं लालू प्रसाद यादव के द्वारा कहा जाना कि नरेंद्र मोदी को उखाड़ फेंकने के लिए दिल्ली जा रहे हैं। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव जहां जाएं पहले वह स्वस्थ हो जाएं। नरेंद्र मोदी एक गारंटी है लोगों के दिलों में बसे हुए हैं उसे उखाड़ फेंकना संभव नहीं है


नीतीश कुमार हों पीएम कैंडिडेट

क्या लगता है नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन के द्वारा पीएम उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम भी यही चाहते हैं। लेकिन पहले हो तो यह कांग्रेस के राहुल गांधी कुर्सी देने को तैयार नहीं है अपने पास बिठाने को तैयार नहीं है अभी एक डायलॉग सुन रहा था लोग आते हैं चाय पीकर हाथ पहुंच कर चले जाते हैं कौन इंका नेता बनेगा यह तो पहले डिसाइड हो जाए।

वहीं पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लगाए गए पोस्टर को नगर निगम द्वारा उखाड़ कर कचरे के डब्बे में फेक जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव तेजस्वी जी और नीतीश कुमार सब एक ही जगह कपड़ा सिलवाए थे अब इसमें मैं क्या बोलूं किसका कपड़ा पहनना है या तो जनता डिसाइड करेगी अंदर में एक दूसरे के प्रति कितनी नफरत है।

सांसदों के निलंबन का कार्रवाई सही

 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ है। सांसदों के चलते 543 सांसदों को अपनी समस्या रखने में परेशानी होती है इन लोगों के चलते सभी लोग अपने सवाल संसद में रखने से वंचित हो जाते थे तो यह अच्छा कम है यह दूसरे के अधिकारों का हनन है या लोग लगातार गलत काम करते थे संसद में तख्ती ले जाना गलत है अभी हाल में ही दो लोग संसद भवन में कूद कर चले गए ऐसे में यह कार्रवाई होनी ही चाहिए।



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