BETTIAH : पश्चिम चंपारण जिला के वाल्मिकीनगर टाईगर रिजर्व से गुजरती गंडक नदी में अंडे से निकली 160 नवजात घड़ियाल के बच्चे को छोड़ा गया। बता दें की वर्ष 2013 में गंडक घड़ियाल रिकवरी प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी। तब से लेकर अबतक 600 से ज्यादा घड़ियाल के बच्चों से गंडक नदी गुलजार हुआ है।
विगत तीन माह से गंडक नदी किनारे 6 जगहो पर घड़ियाल के अंडो का संरक्षण किया जा रहा था। जिसके बाद उनका वाईल्ड लाईफ ऑफ इंडिया और वन विभाग द्वारा सफलता पूर्वक हेचरी कराया गया और फिर बच्चे निकलने के बाद उन्हे गंडक नदी में छोड दिया गया।
इस संबध मे वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के क्षेत्रीय निदेशक डॉ॰ नेशामणी ने बताया की घड़ियाल संरक्षण के लिए 2016 से काम हो रहा है। अभी वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के गंडक नदी के किनारे कुल पाँच जगहो पर मादा घड़ियाल ने अंडा दी थी। जिसकी सफलता पूर्वक हेंचिंग कराया गया था। जिसमें इस वर्ष 127 नवजात घड़ियाल निकले। जिसको गंडक नदी मे छोड़ा गया।
उन्होने यह भी बताया की भारत सरकार का डीडव्लूएच योजना के तहत इसका सर्वेक्षण भी कराया गया है। जिसमे घड़ियाल के संरक्षण पर बहुत ही अच्छा कार्य कराया जा रहा है। पश्चिम चंपारण के गंडक नदी मे घड़ियाल की संख्या काफी बढ़ी है। क्योंकि यहाँ इसको काफी ज्यादा प्रोटेक्शन दिया जा रहा है। यहाँ से घड़ियाल मुभ करते हुए गंगा नदी में भी जा रहे है। साथ ही पड़ोसी देश नेपाल में भी। यहाँ के गंडक नदी में घड़ियाल के अलावा डॉल्फिन और अन्य जलीय जीव जन्तु की संख्या में भी ईजाफ़ा हुआ है।
बेतिया से आशीष की रिपोर्ट