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बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है ? CM नीतीश के खास 5 नेताओं के बयान से उठी चिंगारी...सहयोगी दलों के लेकर JDU की तल्खी कर रही तगड़ा इशारा

 बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है ? CM नीतीश के खास 5 नेताओं के बयान से उठी चिंगारी...सहयोगी दलों के लेकर JDU की तल्खी कर रही तगड़ा इशारा

PATNA: बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है। इसके संकेत एक बार फिर से मिलने लगे हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू का रूख सहयोगी दलों को लेकर बदला-बदला सा दिखने लगा है. यह बदलाव पिछले छह दिनों में हुआ है. राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से ललन सिंह की विदाई और नीतीश कुमार का फिर से पार्टी की कमान संभालने के बाद वरिष्ठ नेता सीट शेयरिंग पर अलग राग अलापना शुरू कर दिए हैं. यह राग राजद-कांग्रेस को नागवार गुजर रहा. सीट शेयरिंग पर जेडीयू नेताओं की एकतरफा बयानबाजी से कयासों का बाजार फिर से गर्म है. चर्चा चल पड़ी है कि बिहार में एक बार फिर से कुछ होने वाला है ? क्या फिर से नीतीश कुमार नया करने वाले हैं ? क्या एक बार फिर से नया गठबंधन बनने वाला है ? 

बिहार में कुछ होने वाला है ? 

बिहार की सत्ताधारी जेडीयू नेताओं के बयान से राजद-कांग्रेस असहज है. नीतीश कुमार के बेहद खास नेताओं के द्वारा लोकसभा सीट बंटवारे पर कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. ये तमाम नेता बिना नीतीश कुमार की सहमति के नहीं बोल रहे,यह संभव नहीं. सबसे पहले वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने इसकी शुरूआत की. फिर मंत्री संजय झा, अशोक चौधरी, विजय चौधरी और अब श्रवण कुमार ने पार्टी की मंशा साफ कर दी है. इन नेताओं के बयान से शक और गहरा रहा है कि बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है. 

नीतीश की तरफ से त्यागी ने की शुरूआत  

केसी त्यागी ने सबसे पहले जेडीयू की ओर से 17 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोका. दिल्ली में दिए इस बयान से सहयोगी दल के नेता हिल गए. उन्होंने कहा कि 2019 में हमें 17 सीटें मिली थी, जिनमें 16 सीटिंग सीटें हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए के साथ गठबंधन में रहते हुए जेडीयू ने जीत हासिल की थी. वहीं, एक सीट ऐसी है, जिसपर 2019 में जेडीयू दूसरे नंबर पर रही थी. केसी त्यागी ने साफ कर दिया कि चाहे कुछ भी हो जाए, सीट शेयरिंग को लेकर वे अपनी मांगों से बिहार में पीछे हटने वाले नहीं हैं. उन्होंने आगे कहा था कि भाजपा की बढ़ी हुई तैयारी उन्हें चिंतित करती है. इंडिया गठबंधन में उम्मीदवारों के चयन नहीं होने और पार्टियों के बीच सीटों की शेयरिंग पर बात नहीं बनने पर केसी त्यागी ने चिंता जाहिर की थी. 

हमारी जो सीटिंग सीट है वो है..उसमें दावेदारी की कहां बात है ?- संजय झा

यही बात नीतीश कुमार के विश्वास पात्र मंत्री संजय झा ने कही. त्यागी के बाद संजय झा ने कहा कि जो हमारी सीटिंग सीट है वो है..उसमें दावेदारी की बात कहां है. यानि इन्होंने भी साफ कर दिया कि 17 से कम हमें मंजूर नहीं. 

कांग्रेस को थोड़ा समझौता करना होगा- अशोक चौधरी

मंत्री अशोक चौधरी ने चार दिन पहले रांची में कहा, '' लोकसभा चुनाव में आइएनडीआइए गठबंधन भाजपा को रोकने में सफल होता है तो इसका सबसे अधिक लाभ कांग्रेस को मिलेगा। इसलिए, सीटों के बंटवारे में कांग्रेस को थोड़ा समझौता करना होगा।

जेडीयू कोई बात अचानक नहीं कहती- विजय चौधरी

मुख्यमंत्री के दूसरे भरोसेमंद मंत्री विजय चौधरी ने एक कदम आगे बढ़कर अपना एजेंडा बता दिया. मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सीटों बंटवारे में अब देर नहीं होना चाहिए, नहीं तो गठबंधन को नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि जेडीयू कोई बात अचानक नहीं कहती. जेडीयू का शुरू से मानना है कि लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों का बंटवारा जल्द इंडिया गठबंधन में होना चाहिए. 2019 लोस चुनाव में 17 सीटों पर जेडीयू लड़ी थी, 16 जीती थी. जून में इंडिया गठबंधन की नींव पड़ी थी. नीतीश के कारण ही इंडिया गठबंधन बना. सीट बंटवारा जल्द हो, मिलकर सब लोग इसपर निर्णय करें. विजय चौधरी ने आगे कहा कि आरजेडी का कांग्रेस, वाम दलों से पहले से गठबंधन है. आरजेडी से जेडीयू ने गठबंधन किया था. उससे पहले से कांग्रेस, वाम दल आरजेडी के साथ थे. आरजेडी और कांग्रेस नेताओं की दिल्ली में सीट बंटवारे पर बातचीत हुई है. मीटिंग हुई थी. लेकिन जितनी जल्दी हो सीटों का बंटवारा हो जाए तो अच्छा है. यानि इन्होंने भी साफ-साफ कह दिया कि सीटिंग सीटों पर कोई बातचीत नहीं होगी.शेष बची सीटों पर सहयोगी दल आपस में बात कर लें. 

विलंब हो रहा है..दिक्कत हो रही है-श्रवण

बुधवार को मंत्री श्रवण कुमार ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे में विलंब हो रहा है, लेकिन ठीक से हो जाए ऐसी कोशिश सभी लोगों को करनी चाहिए. जो विलंब हो रहा है उससे थोड़ी दिक्कत हो रही है इसका हल निकालना चाहिए. बड़े नेताओं का शिड्यूल रहता है, लेकिन सीट शेयरिंग के मसले को प्राथमिकता से करना चाहिए. जिसको जिस दल से बैठकर बात करनी है करे. विलंब हो रहा है, लेकिन इसका कारण कौन है? ये कहना मुश्किल है.

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