बिहार में सियासी खेला होबे ? विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी और लालू यादव से मिलने पर सियासी हलचल तेज

बिहार में सियासी खेला होबे ? विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौध

पटना- ललन सिंह का जदयू के अध्यक्ष पद से विदाई और नीतीश कुमार के पार्टी की कमान अपने हाथ में लेने के बाद अचानक बिहार का सियासी पारा ज्यादा चढ़ गया है. बिहार में भी कुछ अलग तरह की राजनीतिक हवा बह रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश में कुछ बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हो सकता है. इस तरह की खबरों को उस वक्त और बल मिल गया जब रविवार को बिहार विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी राबड़ी देवी आवास पहुंचे और आरजेडी प्रमुख लालू यादव से मुलाकात किए. दोनों नेताओं की मुलाकात को राज्य के सियासी मिजाज से काफी अहम माना जा रहा है. यही कारण है कि बिहार में एक बार फिर से बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं.

बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी रविवार की दोपहर राबड़ी आवास पहुंचे,सूत्रों के अनुसार लालू यादव ने ही उन्हें मिलने के लिए बुलाया था. अवध बिहारी चौधरी और लालू के बीच 30 मिनट तक बात हुई. राजनीतिक जानकार इस मुलाकात को बदलते सियासी दौर में बड़े मायने रखते हैं.

उधर सुशील मोदी तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि ललन सिंह जेडीयू को आरजेडी में विलय करने वाले थे. उनकी तैयारी तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की थी. नीतीश की ललन सिंह से नाराजगी का यहीं कारण था. सुशील मोदी ने तो रविवार को यहां तक दावा किया कि नीतीश कुमार की कुर्सी खतरे में है. इस बीच विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी का लालू यादव से मिलने की खबर ने बिहार का सियासी पारा हाई कर दिया है. इससे पहले ललन सिंह के इस्तीफा के बाद तेजस्वी ने अपना अस्ट्रेलिया का दौरा रद्द कर दिया था.

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बिहार में जब से जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार बने हैं जानकारों के अनुसार अचानक से जदयू और राजद के बीच सियासी खटास ज्यादा बढ़ी नजर आ रही है. अब बिहार में क्या खेला होने वाला है इसको लेकर बिहार की सियासत को लेकर तमाम दलों के तमाम दावे हैं इस सब के बीच बिहार विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी का राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचना, साथ में तेज प्रताप यादव का होना और लालू प्रसाद यादव से मुलाकात ने सियासी टेंपरेचर तो बढ़ा हीं दिया है. अवध बिहारी चौधरी और लालू यादव की मुलाकात दस सर्कुलर रोड़ स्थित पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर हुई.

नीतीश कुमार के हाथ में जदयू की कमान आते हीं एनडीए में उनके शामिल होने का कयास तेज हो गया है. जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेता तो यह भी दावा कर रहे हैं कि नीतीश के इधर आने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है. बहरहाल नीतीश कुमार का जदयू की कमान अपने हाथ लेने और विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी और लालू प्रसाद यादव की मुलाकात ने बिहार के राजनीतिक पारा को तो बढ़ा हीं दिया है.

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