बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

इस्राइल ने गाजा बॉर्डर पर मचाया तांडव, पीएम नेतन्याहू बोले- ऐसी कीमत वसूलेंगे कि पीढ़ियां याद रखेंगी

इस्राइल ने गाजा बॉर्डर पर मचाया तांडव, पीएम नेतन्याहू बोले- ऐसी कीमत वसूलेंगे कि पीढ़ियां याद रखेंगी

इस्राइल-फिलिस्तीन के बीच पिछली सदी से चला आ रहा संघर्ष एक ऐसा संकट है जिसका अंत होता नजर नहीं आता.फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास ने शनिवार 7 अक्टूबर को इजरायल पर अचानक हमला कर दिया. उसके बाद से ही इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है. शनिवार को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने जिस क्रूरता से भयावह हमला इस्राइल पर  किया, उससे मानवता शर्मसार हुई है. यह एक आतंकी हमला था जिसमें सामूहिक हत्याएं हुई और  महिला-पुरुषों को अपहृत किया गया. ये घटनाक्रम अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है.सोमवार तक मरने वालों की संख्या 1100 से अधिक हो गई थी. दोनों तरफ से घायल होने वाले लोगों की संख्या हजारों में है. सबसे बड़ा खतरा तो ये है कि खाड़ी में वर्चस्व की जंग के कारण इजरायल -गाजा विवाद तूल पकड़ता है तो परिणाम पूरी दुनिया के लिये घातक होंगे. युद्ध जैसे हालात के चलते कच्चे तेल के दामों में वृद्धि हुई है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ना स्वभाविक हैं. इसी बीच इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने कहा कि हम युध्ध नहीं चाहते हम पर क्रूर ढ़ंग से थोपा गया है युध्द. उन्होंने कहा कि ऐसी कीमत वसूलेंगे कि पीढ़ियां याद रखेंगी. वहीं हमास ने इजरायल को धमकी देते हुए कहा कि वे बंधकों को मार देंगे.

हमास के नियंत्रण वाले गाजा में इजरायली वायुसेना ने ताबड़तोड़ हमले किए हैं. युद्ध की घोषणा के बाद से इजरायली विमानों ने गाजा पट्टी के 426 ठिकानों को निशाना बनाया है. अभी तक के युद्ध में करीब 900 इजरायली लोगों की मौत हुई है.

लेबनान में सक्रिय अन्य इस्लामी मिलिटेंट ग्रुप हिजबुल्ला का इस्राइल पर मोर्टार से हमले के बाद हालात लुकट हैं. फिलिस्तीनी आतंकी गुट हमास के समर्थन में ईरान के खुलकर आने के बाद क्षेत्र में तनाव में वृद्धि हुई है. यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को कहना पड़ा कि इस्राइल का विरोधी कोई देश मौके का फायदा उठाने का प्रयास न करे. अभी रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है इसी बीच इस्राइल-हमास संघर्ष का तनाव अन्य देशों के साथ युद्ध में तब्दील न हो जाए , चिंता का कारण है.

 वहीं  इस हमले को आतंकी हमला मानते हुए भारत ने इस्राइल के पक्ष में एकजुटता जाहिर की है.  भारत भी ऐसे ही आतंकी हमलों को झेलना पड़ा था. इधर भारत के इस्राइल के साथ संबंध खासे गहरे हुए हैं.

वहीं अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ मानते हैं कि हाल के वर्षों में सऊदी अरब समेत अन्य देशों से इस्राइल के सामान्य होते रिश्तों को पटरी से उतारने के मकसद से हमास ने इस्राइल पर हमला बोला है. ताकि अल-अक्सा मस्जिद और अन्य धार्मिक मुद्दों के आधार पर मध्यपूर्व में ध्रुवीकरण किया जा सके.हमास के हमलों के बाद फिलिस्तीनी इलाके गाजा पट्टी और अन्य इलाकों में इस्राइल के हमले जारी हैं.  इस्राइल के सामने हमास द्वारा बंधक बनाये गये अपने नागरिकों को छुड़ाने की चुनौती भी है. हमास इन इस्राइलियों को एक ढाल के तौर पर इस्तेमाल करेगा. उसकी कोशिश होगी कि इस्राइल की जेलों में बंद हजारों फिलिस्तीनी बंधकों की रिहाई के लिये सौदेबाजी की जा सके. 

कथित तौर पर इस सुनियोजित हमले की भनक इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद को क्यों नहीं लगी. जबकि यह हमला एक लंबी तैयारी का ही परिणाम बताया जा रहा है. राजनीतिक मामलों के जानकार और केद्रीय विश्वविद्याय, धर्मशाल के डॉ कुलदीप सिंह ने कहा कि हमास का यह हमला ईरान और इस्राइल के लगातार खराब होते संबंधों की प्रतिक्रिया है. ईरान यह संदेश देने का प्रयास कर रहा है कि जहां सऊदी अरब इस्राइल से संबंध सामान्य बना रहा है, वहीं ईरान उसके खिलाफ खड़े होकर हमास को समर्थन दे रहा है. सऊदी अरब यह संदेश देने का प्रयास कर सकता है कि वह फिलिस्तीन के अधिकारों के पक्ष में तो है लेकिन आतंकवाद के खिलाफ है. 

मंगलवार को इजरायल वायु सेना के अनुसार, वायु सेना ने तीन मंजिला मुख्यालय और हमास के वरिष्ठ नौसैनिक बल, मुहम्मद काश्ता से जुड़े मुख्यालय पर भी हमला किया.बता दें  गाजा 1948 से 1967 तक मिस्र के नियंत्रण में था , 1967 से 2005 के बीच यह इजरायली शासन के अधीन था और फिर 2005 से 2007 तक यह फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अधीन आ गया. साल 2007 में हमास ने तख्तापलट कर नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था.


Suggested News