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इसराइल-हमास संघर्षः यूएनओ में संघर्ष विराम लागू करने के प्रस्ताव बहुमत से स्वीकार, उधर इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू का ऐलान- हम लड़ाई जारी रखेंगे, ये जंग का वक्त, शांति का नहीं

इसराइल-हमास संघर्षः यूएनओ में संघर्ष विराम लागू करने के प्रस्ताव बहुमत से स्वीकार, उधर इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू का ऐलान- हम लड़ाई जारी रखेंगे, ये जंग का वक्त, शांति का नहीं

डेस्क- संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने जहां  जॉर्डन की तरफ़ से पेश इसराइल और हमास के बीच मानवीय आधार पर तुरंत संघर्ष विराम लागू करने के प्रस्ताव को बहुमत से स्वीकार कर लिया. संयुक्त राष्ट्र में इस प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत अनुपस्थित रहा. इस प्रस्ताव के समर्थन में 120 देशों और विरोध में 14 देशों ने वोट किया.भारत के अलावा इस प्रस्ताव पर मतदान के दौरान ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, इथियोपिया, जर्मनी, ग्रीस, इराक़, इटली, जापान, नीदरलैंड्स, ट्यूनीशिया, यूक्रेन और ब्रिटेन समेत 45 देश अनुपस्थित रहे. ग़ज़ा में मानवीय आधार पर संघर्ष विराम के समर्थन में म्यांमार, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश और चीन समेत भारत के सभी पड़ोसी देशों ने वोट किया. फ्रांस ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्धविराम की मांग को खारिज कर दिया है. प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को कहा कि हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध में युद्धविराम "नहीं होगा". इजराइली प्रधानमंत्री का बयान उस वक्त आया है, जब संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है, कि अगर युद्धविराम नहीं किया गया, तो "अभूतपूर्व मानवीय जरूरतों" को पूरा करने के लिए पर्याप्त सहायता नहीं मिल पाएगी . इजराइली ग्राउंड फोर्स अब गाजा के अंदर दाखिल हो चुकी है और धीरे धीरे आगे बढ़ रही है. इजराइली डिफेंस फोर्स ने हमास के कई बड़े नेताओं को मार दिया है, वहीं हमास के कई सुरंग भी तबाह किए जा चुके हैं. इजराइल ने हमास को खत्म करने का फूलप्रूफ प्लान बना चुका है. इजराइल हमास को जड़ से खत्म करने के लिए गाजा पट्टी पर अब जमीन के जरिए हमला बोलने की तैयारी में है. इजराइल की नजर गाजा में बने हमास के अंडरग्राउंड टनल को ध्वस्त करने पर है. इजराइली अभियान से गाजा में रहने वाले करीब 21 लाख लोगों की जिंदगी को जहन्नुम बना गया है .

7 अक्टूबर को शुरू हुई इजराइल और हमास के बीच खूनी जंग का  25वां दिन है.लोग मर रहे हैं. शहर मलबों में तब्दील हो रहे हैं, लेकिन जंग के थमने के बजाय और भीषण होती जा रही है. दुनिया के कई देशों में सीज़फायर की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर गए हैं, लेकिन इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कतई सीज़फायर के पक्ष में नहीं हैं, बल्कि उन्होंने जंग को तेज करने की हुंकार भर ली है. नेतन्याहू ने बयान जारी कर कहा है कि ये जंग का वक्त है, सीज़फायर की कोई संभावना ही नहीं है. इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, कि संघर्ष विराम का मतलब हमास के सामने आत्मसमर्पण करना होगा. बेंजामिन नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमास के भीषण हमले के बाद हमास का नामोनिशान मिटाने की कसम खाई है, जिसमें करीब 1400 इजराइली मारे गये थे. हमास ने 230 इजराइली लोगों को बंधक भी बनाकर रखा हुआ है. हालांकि, अब हमास की तरफ से अलग अलग बयानों में बंधकों को छोड़ने के संकेत दिए जा रहे हैं, लेकिन इजराइल हमास की बातों पर ध्यान नहीं दे रहा है. इजराइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया है कि इजराइल युद्धविराम के लिए सहमत नहीं होगा, क्योंकि गाजा में इजराइली डिफेंस फोर्स का जमीनी अभियान तेज हो गया है. उन्होंने कहा कि बाइबल कहती है कि शांति का समय नहीं है, "यह युद्ध का समय है."

इजराइल हमास को जड़ से खत्म कर देना चाहता है. यही वजह है कि गाजा पट्टी में रहने वाले फिलिस्तीनियों को बाहर जाने का आदेश दिया गया है. इजराइल की सेना ने अपने आदेश में कहा है कि उसकी योजना गाजा सिटी के आसपास के इलाके में जमीन के नीचे बने हमास के ठिकानों को निशाना बनाने की है. ये वो ठिकाने हैं जहां से हमास के लड़ाके इजराइल पर एक के बाद एक रॉकेट दाग रहे हैं.

इस बीच, हमास की ओर से इजराइल के नागरिकों को बंधक बनाए जाने को लेकर पीएम नेतन्याहू ने कहा है कि अपने नागरिकों की रिहाई के लिए इजरायल सब कुछ करेगा. हमास इजराइल को बर्बाद करना चाहता है. हमास की अल कसाम ब्रिगेड ने बंधकों का वीडियो जारी किया है. इजरायली प्रतिनिधि मंडल बातचीत के लिए कतर पहुंचा है. हमास के एक प्रवक्ता ने कहा है, कि इज़राइल "कुछ सीमित क्षेत्रों को छोड़कर" गाजा में प्रवेश करने में सफल नहीं हुआ, और उसने इजराइल में मानवीय स्थिति को "विनाशकारी" बताया है.

हालांकि, अभी तक इज़राइल रक्षा बलों ने इस बारे में विवरण जारी नहीं किया है, कि गाजा पट्टी में वो कितना आगे बढ़ गया है, लेकिन यह स्पष्ट है, कि इज़राइली सैनिकों ने गाजा पट्टी के भीतर अच्छी तरह से स्थिति स्थापित कर ली है इजराइली बख्तरबंद कर्मियों के सीमा बाड़ के अंदर जाने की सूचना है.इज़रायली सेना ने सोमवार को दावा किया है, कि उसके सैनिकों ने गाजा में अपने विस्तारित जमीनी अभियान के तहत हमास के चार प्रमुख कार्यकर्ताओं को मार डाला है. इज़राइल ने घोषणा की कि वह हमास के खिलाफ अपने युद्ध के "दूसरे चरण" में प्रवेश कर गया है, और रविवार को उसने चेतावनी दी थी, कि गाजा में उसका जमीनी अभियान तेज हो जाएगा. गाजा परिधि से लगभग एक किलोमीटर दूर, सेडरोट में, उन्होंने दिन के दौरान कई बार मशीन गन की गोलीबारी सुनी, जिससे उत्तरी गाजा में जमीन पर तीव्र लड़ाई का पता चलता है. वहीं, सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है, इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने मंगलवार को बताया है, कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा अपहरण की गई एक महिला इज़राइली सैनिक को एक विशेष अभियान में बचा लिया गया है.आईडीएफ के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जोनाथन कॉनरिकस ने कहा, कि महिला सैनिक ओरी मेगिडिश को उत्तरी गाजा में एक खुफिया नेतृत्व वाले ऑपरेशन में इजरायली बलों द्वारा बचाया गया है और वह अपने परिवार के साथ फिर से जुड़ने के बाद "मानसिक और शारीरिक रूप से ठीक" हैं.

बहरहाल भारत की नीति हमेशा से ही फ़लस्तीनियों के लिए अलग राष्ट्र का समर्थन करने की रही है. भारत ने सुरक्षा परिषद में भी अपने इस नीति को ज़ाहिर किया था. लेकिन इस प्रस्ताव से पीछे हटना बताता है कि भारत की नीति बदल रही है. विश्लेषक ये भी मानते हैं कि इस समय भारत के लिए इसराइल से रिश्ते भी बेहद अहम है और भारत नहीं चाहेगा कि वो ‘युद्ध में फंसे अपने मित्र देश को नाराज़ करे.’ भारत इसराइल से किसी भी तरह अपने रिश्ते ख़राब नहीं करना चाहेगा. इसके कई पहलू हैं. भारत के इसराइल के साथ बेहद नज़दीकी सुरक्षा संबंध है. इसराइल भारत को हथियार देता है, आतंकवाद को लेकर जानकारियां साझा की जाती हैं. भारत के द्विपक्षीय संबंध इसराइल के साथ हाल के सालों में बहुत मज़बूत हुए हैं. मौजूदा हालात में भारत के लिए इसराइल के साथ संबंधों को नज़रअंदाज़ करना संभव नहीं है.हाल के सालों में भारत ने अपनी विदेश नीति में स्पष्ट रूप से अपने हितों को तरजीह दी है. इसराइल के साथ भारत के सुरक्षा हित जुड़े हैं. वैचारिक तौर पर भी इसराइल के लिए समर्थन है.




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